लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ मानकों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कराए जा रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ निर्माणकर्ताओं की ओर से कंपाउंडिंग शुल्क के नाम पर भी एलडीए को चपत लगाई जा रही है। आलम यह है कि कंपाउंडिंग के नाम पर 5 से 20 करोड़ तक बाकी है लेकिन निर्माणकर्ताओं की ओर से एक रुपया भी जमा नहीं कराया जा रहा है। अब एलडीए की ओर से कंपाउंडिंग में खेल करने वाले निर्माणों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। अगर निर्माणकर्ताओं की ओर से कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं किया जाता है तो पहले उन्हें सील किया जाएगा और इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरती है तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे। पेश है अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट

यह होता है कंपाउंडिंग शुल्क

अगर आपने एलडीए से दो से तीन मंजिले का नक्शा पास कराया है और आपने दो मंजिल अतिरिक्त बना ली हैं तो आपको पहले एलडीए में कंपाउंडिंग के लिए आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद एलडीए की टीम मौके पर जाकर निरीक्षण करती है और देखती है कि एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) के हिसाब से कितने निर्माण की परमीशन दी जा सकती है। अगर एक फ्लोर अतिरिक्त निर्माण की स्वीकृति मिलती है तो निर्माणकर्ता को एलडीए में कंपाउंडिंग शुल्क जमा कराना पड़ता है।

यह किया जा रहा खेल

जो मामले सामने आए हैैं, उसमें साफ है कि निर्माणकर्ता की ओर से कंपाउंडिंग के लिए आवेदन किया गया और एलडीए टीम ने जांच कर कंपाउंडिंग शुल्क निर्धारण कर दिया लेकिन निर्माणकर्ता की ओर से कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं कराया गया और निर्माण भी कंपाउंडिंग के हिसाब से करा लिया।

कॉमर्शियल और ग्रुप हाउसिंग के मामले अधिक

कंपाउंडिंग शुल्क के नाम पर सबसे ज्यादा कॉमर्शियल निर्माणों और ग्रुप हाउसिंग में किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि निर्माणकर्ताओं को किसी कार्रवाई का डर भी नहीं है और धड़ल्ले से कंपाउंडिंग शुल्क जमा किए बिना ही निर्माण करा रहे हैैं। हाल में ही एलडीए ने विभूति खंड में एक कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स इस वजह से ही सील किया है। इस मामले में भी करीब 7 करोड़ कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं किया गया है। एलडीए अधिकारियों की माने तो अब कंपाउंडिंग शुल्क 18 करोड़ के आसपास पहुंच गया है।

सेटबैक में भी खेल

निर्माणकर्ताओं की ओर से सेटबैक में भी खेल किया जा रहा है। सेटबैक के कंपाउंडिंग शुल्क को भी जमा नहीं किया जा रहा है। सेटबैक के लिए नक्शे से 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण की परमीशन है लेकिन निर्माणकर्ताओं की ओर से 15 से 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे में अब एलडीए अतिरिक्त निर्माण को ध्वस्त करेगा। अभी तक 15 से 20 मामले सामने आए हैैं, जिन्होंने सेटबैक के नाम पर अतिरिक्त जगह कवर ली है और उन्हें अभी तक खुद से तोड़ा नहीं है।

यहां मामले आए सामने

-विभूतिखंड

-गोमती नगर

-जानकीपुरम विस्तार

-सीतापुर रोड

नोट-अब तक आधा दर्जन मामले आ चुके हैं सामने, इन इमारतों को चरणबद्ध तरीके से सील किया जा रहा है।

हमारी ओर से ऐसे निर्माणों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने कंपाउंडिंग शुल्क के नाम पर खेल किया है। अभी तक आधा दर्जन मामले सामने आए हैैं, जिन पर कंपाउंडिंग शुल्क के नाम पर 5 से 18 करोड़ तक बाकी हैैं।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए