लखनऊ (ब्यूरो)।अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने के लिए एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी एक्शन मोड में आ गए हैैं। एक तरफ तो अवैध निर्माणों को सामने लाने के लिए उन्होंने ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम डेवलप करने के निर्देश दिए हैैं, वहीं दूसरी तरफ सील अवैध निर्माणों में कैसे काम शुरू हुआ, इसको लेकर भी जांच शुरू कराने जा रहे हैैं। जांच रिपोर्ट के बाद यह साफ हो जाएगा कि आखिर नियम-कानूनों को किस तरह से ताक पर रखा गया और उसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैैं।

अवैध निर्माणों की समस्या गंभीर

राजधानी में अवैध निर्माणों की समस्या गंभीर है। प्राधिकरण की ओर से इनके खिलाफ सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तो की जाती है, इसके बावजूद इन पर कोई खास लगाम लगती नजर नहीं आ रही है। चोरी छिपे अवैध निर्माण होते हैैं, जिसकी वजह से प्राधिकरण की छवि पर दाग लगता है। कई बार तो यह भी देखने में आता है कि निर्माणकर्ता की ओर से नियम-कानून पूरे करने को लेकर सीलिंग खुलवा ली जाती है लेकिन बाद में नियमों का पालन तो दूर, वे इसकी आड़ में निर्माण शुरू करा देता है। ऐसे मामले सामने आने के कारण ही प्राधिकरण प्रशासन सख्त हुआ है।

वीसी ने मंगाई फाइलें

हाल में चार्ज संभालने वाले वीसी ने अवैध निर्माणों की समस्या को देखते हुए तत्काल इस पर रोक लगाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके अंतर्गत सबसे पहले तो ऐसे अवैध निर्माण चिन्हित किए जा रहे हैैं, जिन्हें पूर्व में प्राधिकरण की ओर से सील किया गया है लेकिन उसके बाद भी उसमें निर्माण हुआ है।

एक्शन प्लान में शामिल बिंदु

1-अवैध निर्माणों का स्टेटस क्या है

2-सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का असर

3-सील बिल्डिंग में निर्माण तो नहीं हो रहा

4-किस एरिया में अवैध निर्माण अधिक है

5-अवैध निर्माण आवासीय हैैं या कॉमर्शियल

6-नक्शा पास कराया गया या नहीं

7-किस स्तर से मॉनीटरिंग हुई

अब ये होगी कवायद

अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने के लिए वीसी की ओर से त्रिस्तरीय प्लान बनाया गया है। जिससे अवैध निर्माणों की समस्या से राजधानी को मुक्त किया जा सके। ये है त्रिस्तरीय प्लान।

1-अवैध निर्माणों की स्कैनिंग

2-ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम

3-हर सप्ताह समीक्षा

अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने के लिए कई चरणों में प्लानिंग शुरू कर दी गई है। अवैध निर्माणों पर होने वाली कार्रवाई की साप्ताहिक समीक्षा के साथ-साथ मॉनीटरिंग व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा रहा है।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए