लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप कॉमर्शियल प्लॉट खरीदने जा रहे हैैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। आप लखनऊ विकास प्राधिकरण के किसी भी कॉमर्शियल प्लॉट को अपनी पसंद और साइज की जरूरत के हिसाब से खरीद सकते हैैं। इतना ही नहीं, आप प्लॉट के लेआउट को भी देख सकेंगे साथ ही यह भी जान पाएंगे कि जो प्लॉट आप लेने जा रहे हैैं, उसमें किस तरह का व्यवसाय किया जा सकता है, जिससे भविष्य में आपको कोई समस्या नहीं होगी। इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। पढ़ें अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट

खरीदारों को बड़ी राहत

इस समय एलडीए के कई कॉमर्शियल प्लॉट्स अलग-अलग योजनाओं जैसे गोमतीनगर विस्तार, कानपुर रोड इत्यादि में खाली पड़े हैैं। इनके अभी तक न बिकने की प्रमुख वजह इनके हाई रेट्स और साइज है। प्लॉट के अधिक बड़ा होने के कारण इन्हें आसानी से कोई नहीं खरीद पा रहा है। जिसकी वजह से प्राधिकरण को रेवेन्यू संबंधी नुकसान हो रहा है।

यह है तैयारी

प्राधिकरण की ओर से अब यह तैयारी की जा रही है कि जो भी बड़े कॉमर्शियल प्लॉट्स हैैं, उन्हें छोटा-छोटा करके या खरीदार की डिमांड के अनुसार बेचा जाए। जिससे खरीदार को उसकी पसंद के अनुसार, प्लॉट मिल सके और प्राधिकरण की संपत्ति भी निस्तारित हो सके। इसके साथ ही जहां पर प्लॉट होगा, वहां पर एक बोर्ड भी लगाया जाएगा। जिसमें प्लॉट का साइज, उसकी कीमत, लेआउट और उपयोग संबंधी जानकारी अंकित होगी। जिससे खरीदार के मन में प्लॉट खरीदने से पहले कोई कंफ्यूजन नहीं रहेगा और लेआउट और उपयोग संबंधी जानकारी मिलने से वह जान सकेगा कि किस तरह का बिजनेस किया जा सकता है।

प्राइम लोकेशन पर संपत्तियां

दरअसल, एलडीए की व्यावसायिक संपत्तियां प्राइम लोकेशन पर हैैं। जिसकी वजह से प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द संपत्तियों का निस्तारण किया जा सके और रेेवेन्यू जेनरेट हो सके। वहीं, एलडीए की एक प्लानिंग यह भी है कि ई-ऑक्शन के माध्यम से भी संपत्ति का निस्तारण कराया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ ले सकें।

आवासीय में भी फोकस

एलडीए की ओर से कॉमर्शियल के साथ आवासीय संपत्तियों के भी निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। इस समय चार हजार से अधिक आवासीय संपत्तियां अनिस्तारित हैैं। एलडीए की ओर से इन संपत्तियों के निस्तारित न होने के कारणों की पड़ताल की जा रही है। इसके साथ ही पब्लिक डिमांड को ध्यान में रखते हुए मेंटीनेंस व अन्य बिंदुओं पर कदम उठाए जा रहे हैैं। जिससे आवासीय संपत्तियों को भी जल्द से जल्द निस्तारित किया जा सके। एलडीए की ओर से पब्लिक फीडबैक पर भी फोकस किया जा रहा है, जिससे पब्लिक फीडबैक के आधार पर भी संपत्तियों की कंडीशन को बेहतर बनाया जा सके और उसे निस्तारित किया जा सके। एलडीए प्रशासन का प्रयास यही है कि दो से तीन माह के अंदर अधिक से अधिक संपत्तियों को निस्तारित कर दिया जाए।

खरीदारों को बेहतर सुविधा देने के लिए ही यह कदम उठाया जा रहा है। कॉमर्शियल संपत्तियों के साथ आवासीय संपत्तियों के निस्तारण के लिए कई प्लानिंग की जा रही हैै।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए