लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षित करने व संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (आईएनटीएसीएच)के साथ गुरुवार को समझौता किया। यह एमओयू एलयू के पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग व आईएनटीएसीएच के बीच हुआ। मौके पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और इंटेक, नई दिल्ली के ए एंड एमएच डिवीजन के प्रधान निदेशक नीलाभ सिन्हा सहित कई लोग मौजूद रहे।

पहली बार हुआ एमओयू

एलयू के प्रवक्ता प्रो। दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि यह समझौता एलयू के पुस्तकालय और सूचना विभाग के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विभाग इंटेक के साथ हाथ मिलाने वाला देश का पहला विभाग बन गया है। इंटेक दुनिया में संरक्षण केंद्रों का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसके केंद्र बेंग्लुरु, भुवनेश्वर, जोधपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में हैं। समझौता ज्ञापन पुस्तकालय विज्ञान के छात्रों के लिए एक शिक्षण अनुभव की नींव रखता है, जिसमें विभिन्न दस्तावेजी संसाधनों, पांडुलिपियों, दुर्लभ पुस्तकों, पुरानी पेंटिंग और स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर ध्यान दिया गया है। इस सहयोग इंटेक प्रशिक्षण कार्यशालाओं और इंटर्नशिप कार्यक्रमों जैसी शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करेगा, जिससे छात्रों को अनुभवी पेशेवरों से सीखने का मौका मिलेगा।

यह मिलेगा फायदा

लाइब्रेरी साइंस या पुस्तकालय विज्ञान के स्टूडेंट्स को अभिलेखागार, संग्रहालय, कला दीर्घाओं, राज्य सूचना केंद्रों और रामपुर रजा लाइब्रेरी और खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी जैसे प्रसिद्ध विरासत पुस्तकालयों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि विभाग की यह पहल भावी पीढ़ियों के लिए हमारी विरासत को संरक्षित करने की एक कोशिश है। एमओयू पर प्रोफेसर पूनम टंडन, डीन अकादमिक और डीन छात्र कल्याण, एलयू, आईएनटीएसीएच के निदेशक डॉ। धर्मेंद्र मिश्रा, प्रोफेसर बबीता जायसवाल, विभागाध्यक्ष और डॉ। अंजलि गुलाटी, एसोसिएट प्रोफेसर, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग की मौजूद रहे।