लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीएचडी थीसिस मूल्यांकन के लिए एक विदेशी परीक्षक को शामिल किया जाएगा। विदेशी परीक्षक के होने से शोध के वैश्विक मानकों का पालन किया जाएगा, साथ ही एलयू में हो रहे शोधों को विश्व स्तर पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। न्यू पीएचडी ऑर्डिनेंस में एलयू इस मूल्यांकन बदलाव को शामिल कर रहा है। डीन अकेडमिक्स प्रो। पूनम टंडन ने बताया कि न्यू पीएचडी ऑर्डिनेंस की विशेषता होगी कि पीएचडी थीसिस का मूल्यांकन देश के एक परीक्षक और अनुसंधान पर्यवेक्षक के अलावा कम से कम एक विदेशी परीक्षक को शामिल करना है। इससे शोध छात्रों के शोधों में गुणवत्ता आ सकेगी।

रिसर्च पोर्टल से थीसिस मूल्यांकन में आएगी तेजी

प्रो। पूनम टंडन ने बताया कि थीसिस मूल्यांकन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विवि अनुसंधान पोर्टल या रिसर्च पोर्टल डेवलेप करेगा। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर थीसिस जमा करने से लेकर मूल्यांकन और मौखिक परीक्षा तक की पूरी प्रक्रिया को अधिकतम छह महीने के अंदर पूरा करने का काम करेगा। इससे न केवल शोध छात्रों का समय बचेगा बल्कि मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। पहले शोधार्थी अपनी थीसिस की कई प्रतियां जमा करते थे, जिसके लिए डाक से परीक्षकों को थीसिस भेजी जाती थीं। मूल्यांकन रिपोर्ट डाक से ही भेजी जाती थी, इससे प्रक्रिया काफी लंबी हो जाती थी। नए अध्यादेश से पूरी प्रक्रिया दुरुस्त हो जाएगी।

एलयू राष्ट्रीय शैक्षिक नीति के अनुरूप एक नया पीएचडी अध्यादेश लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य अनुसंधान, उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और वैश्विक मानकों को पूरा करना है।

-प्रो। आलोक कुमार राय, एलयू वीसी

एलयू अपने छात्रों के लिए एक विश्वस्तरीय अनुसंधान वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नया पीएचडी अध्यादेश न केवल वैश्विक अनुसंधान मानकों को बनाए रखेगा साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया को भी और प्रभावशील बनाएगा।

-प्रो। पूनम टंडन, डीन अकेडमिक्स