लखनऊ (ब्यूरो)। आज के दौर में लोगों की गैजेट्स और ऑनलाइन माध्यमों पर डिपेंडेंसी बढ़ती जा रही है। हम लगभग हर काम के लिए अब ऑनलाइन माध्यमों के भरोसे रहते हैं, फिर चाहे खरीदारी हो या लोगों से दोस्ती करना। प्यार, डेटिंग और शादी के लिए साथी भी लोग ऑनलाइन तलाश करते हैं, जहां वे फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि ऐप की मदद लेते हैं। हालांकि, अक्सर देखा जाता है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शुरू हुई दोस्ती महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की एक बड़ी वजह बनकर भी सामने आती है। हाल ही में जारी हुई एनसीआरबी की रिपोर्ट भी इसकी तस्दीक कर रही है। लखनऊ में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं

केस-1

गौतमपल्ली निवासी 16 वर्षीय बच्ची की दोस्ती इंस्टाग्राम के जरिए कानपुर के एक लड़के से हो गई। एक महीने बाद अक्टूबर 2022 को ऑनलाइन दोस्त ने बच्ची को मिलने के लिए गोमतीनगर स्थित लोहिया पार्क बुलाया। यहां युवक ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और किसी को न बताने की धमकी देकर चला गया। इस बीच बच्ची की तबियत खराब हुई तो परिजनों को पूरी बात का पता चला। सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद आरोपी को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।

केस-2

महानगर की एक युवती की राहुल नाम के युवक से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई। दोस्ती बढ़ी तो उसने युवती को वीडियो कॉल कर न्यूड होने को कहा। युवती ने उसकी बात मान ली और जैसा राहुल कहता गया, वह करती गई। कुछ दिनों बाद युवक उस वीडियो के आधार पर युवती को ब्लैकमेल करने लगा और अपने दोस्तों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। युवती ने महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

महिलाओं के साथ इस तरह का अपराध

स्मार्टफोन के जरिए शुरू हुई ऑनलाइन डेटिंग का चलन अब नई चीज नहीं रह गई है। इतना ही नहीं, अब प्यार भी किसी एप की एल्गोरिदम के आधार पर हो रहा है। पर इस दौरान आजकल युवा कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनके नतीजे बाद में भयंकर साबित होते हैं। इसमें दुष्कर्म, हैरेसमेंट, दहेज हत्या, हत्या, छेड़छाड़, मारपीट, साइबर क्राइम आदि का महिलाएं शिकार हो रही हैं।

ऑनलाइन फ्रेंड बने दुश्मन

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में पूरे यूपी में महिलाओं के साथ 3690 लोगों ने अपराध किया था। इसमें 1410 वे आरोपी थे, जो ऑनलाइन माध्यमों से पीड़िता से मिले थे। वहीं, बच्चों के साथ अपराध करने वाले 3,438 आरोपियों में 1,147 आरोपी ऐसे थे, जिन्होंने नाबालिग के साथ ऑनलाइन दोस्ती की और फिर उनकी आबरू तार-तार कर दी। यानी लगभग 36 परसेंट के करीब बालिग और नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध ऑनलाइन साइट्स पर मिलने वाले फ्रेंड्स कर रहे हैं।

गैजेट्स पर अधिक भरोसा

यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा कहते हैं कि हम बच्चों को तो यह समझा सकते हैं कि ऑनलाइन माध्यमों से मिलने वाले दोस्तों को आप कितनी तवज्जों दें या फिर उन पर कितना भरोसा करें, लेकिन व्यस्क महिलाओं को कैसे समझाया जाए, क्योंकि पीड़ित दोनो वर्गों के हैं। बच्चे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर अधिक भरोसा करते हैं। जब उन्हें घर में प्यार और समय नहीं मिलता है तो बच्चे उसे इंटरनेट पर ढूंढने लगते हैं और यहीं पर मौजूद कुछ अपराध घटित कर देते हैं।

पहचान बदलकर करते हैं अपराध

वहीं, डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक कहती हैं कि रोजाना ऐसे कई केस आते हैं, जिनमें पीड़ित बालिग और नाबालिग, दोनों होते हैं। इन पीड़िताओं के साथ अपराध करने वाले ऐसे लोग होते हैं, जिनसे उनकी सोशल मीडिया पर बात ही होती थी और पहली ही मुलाकात में उनके साथ आरोपी दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे देते हैं। अपराध करने वाले पीड़िता के ऑनलाइन दोस्त ऐसे होते हैं, जो फर्जी नाम से प्रोफाइल बनाते हैं अलग-अलग मोबाइल नंबर रखते हैं, ताकि वे आसानी से भरोसा तोड़ कर अपराध करें और फिर उनसे दूर हो जाएं।

रिस्की है ऑनलाइन डेटिंग

-फेक प्रोफाइल में गलत जानकारियां डाली जाती हैं। कई बार सिर्फ शक्ल देखकर डेट करने का फैसला ले लिया जाता है। ऐसे में सही पार्टनर का चुनाव मुश्किल हो जाता है।

-इंटरनेट, डेटिंग वेबसाइट और ऐप्स हर किसी के लिए उपलब्ध हैं। यही वजह है कि यहां पर धोखाधड़ी की संभावना बहुत अधिक है।

-अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो आप भी इस धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। किसी भी प्रोफाइल को बहुत स्मार्ट तरीके से चेक करें और ये सुनिश्चित करें कि प्रोफाइल असली है या नहीं।

-ऑनलाइन डेटिंग का सबसे पहला नियम ही यही है कि यहां कुछ भी हो सकता है। सामने वाले इंसान की तस्वीर या जानकारी गलत हो सकती है।

-अगर आप किसी अनजान व्यक्ति से बात करना शुरू कर रहे हैं तो उनके साथ ज्यादा फोटोज और वीडियोज को शेयर न करें।

-अगर आप कई महीनों से उन्हें जानती हैं तो भी ऐसा न करें। आपकी छोटी सी गलती आप पर भारी पड़ सकती है। कोई भी आपकी फोटोज और वीडियो का मिसयूज कर सकता है।

-किसी ऐसे व्यक्ति को कभी पैसे न भेजें जिससे आप केवल ऑनलाइन मिले हों, स्कैमर्स कई कारणों से पैसे मांग सकते हैं।