लखनऊ (ब्यूरो)। इस बार लोकसभा चुनाव में वोटर्स का साइलेंट रूप नजर आया। जिसकी वजह से अप्रत्याशित परिणाम सामने आए। हैरानी की बात तो यह है कि लखनऊ और मोहनलालगंज दोनों ही लोकसभा में करीब 16 हजार वोटर्स ऐसे रहे, जिन्हें एक भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया। इसकी वजह से उन्होंने नोटा का बटन दबाया। कहीं न कहीं इसका भी असर चुनावी परिणामों पर देखने को मिला और प्रत्याशियों को नुकसान हुआ।

मोहनलालगंज में संख्या अधिक

दोनों लोकसभा की बात की जाए तो सबसे अधिक नोटा का बटन मोहनलालगंज के वोटर्स की ओर से यूज किया गया है। यहां करीब साढ़े हजार से अधिक वोटर्स ने नोटा का यूज किया। वहीं लखनऊ लोकसभा में नोटा का बटन दबाने वाले वोटर्स की संख्या सात हजार के करीब रही।

वोटर रहा साइलेंट

इस बार लोकसभा चुनाव में वोटर्स का रुख भी प्रत्याशी भांप नहीं पाए। पिछले चुनावों में जहां वोटर्स पहले से ही प्रत्याशियों के पक्ष में खुलकर समर्थन रखते थे, वहीं इस बार वोटर्स साइलेंट रहे। इसकी वजह से कोई भी प्रत्याशी वोटर्स के रुख को भांप नहीं पाया। इसका परिणाम यह हुआ है कि मोहनलालगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर जीत की हैट्रिक नहीं लगा सके। वहीं लखनऊ सीट से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने जीत तो दर्ज की लेकिन वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले वोट का प्रतिशत आधा रह गया। पिछले चुनाव में उन्होंने विपक्षी प्रत्याशी को तीन लाख से अधिक वोट से हराया था लेकिन इस बार यह आंकड़ा सवा लाख के आसपास ही रह गया।

कांटे की टक्कर दिखी

वोटर्स के साइलेंट होने की वजह से इस बार सभी सीटों पर प्रत्याशियों की कांटे की टक्कर देखने को मिली। लखनऊ और मोहनलालगंज सीट में भी प्रत्याशियों के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। हालांकि मोहनलालगंज में सपा के हाथ बाजी लगी और आरके चौधरी ने 70 हजार से अधिक वोट से जीत दर्ज की।

लखनऊ लोकसभा सीट

किसको कितने मत मिले

प्रत्याशी पार्टी वोट

राजनाथ भाजपा 612709

रविदास मेहरोत्रा सपा 477550

सरवर मलिक बसपा 30192

मोहनलालगंज लोकसभा सीट

किसको कितने मत मिले

प्रत्याशी पार्टी वोट

आरके चौधरी सपा 667869

कौशल भाजपा 597577

राजेश कुमार बसपा 88461

उपचुनाव में भी यही तस्वीर

लोकसभा के साथ-साथ लखनऊ पूर्वी ïिवधानसभा में भी उपचुनाव हुए थे। यहां भी भाजपा और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के बीच एक-एक वोट को लेकर अच्छी फाइट देखने को मिली। हालांकि, भाजपा प्रत्याशी ने इस सीट से 53 हजार से अधिक वोट से जीत दर्ज की।

कई प्रत्याशियों की जमानत जब्त

वोटर्स के साइलेंट होने का असर उन प्रत्याशियों पर सीधे तौर पर पड़ा, जो संभावना जता रहे थे कि उन्हें भारी संख्या में वोटर्स का साथ मिलेगा। लखनऊ लोकसभा की बात की जाए तो यहां आठ प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई, वहीं मोहनलालगंज की बात की जाए तो नौ प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इनमें से कई ऐसे प्रत्याशी हैैं, जिन्हें दो हजार से कम वोट मिले। इस परिणाम के सामने आने के बाद प्रत्याशियों की ओर से आत्ममंथन शुरू कर दिया गया है।

कारणों की पड़ताल

प्रत्याशियों की ओर से उन कारणों की पड़ताल भी शुरू कर दी गई है, जिनकी वजह से चुनावी मैदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। उनकी ओर से पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर चूक कहां पर हुई है। इसके लिए ग्राउंड लेवल पर काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है और बकायदा रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।

दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म

चुनाव परिणाम सामने आने के बाद बुधवार को दिन भर अब सरकार किसकी बन रही है मुद्दे को लेकर हर तरफ चर्चा होती नजर आई। मार्केट्स से लेकर सरकारी कार्यालयों में लोग यही कवायद लगाते रहे कि गठबंधन की सरकार बनेगी या एनडीए की। हालांकि, हर कोई यही कहता नजर आया कि अभी कुछ भी कहना मुश्किल है।