लखनऊ (ब्यूरो)। ऐसा नहीं है कि हर वक्त स्ट्रीट डॉग हमलावर हो जाते हैैं। ऐसे तीन प्रमुख कारण हैैं, जिनके चलते वो ज्यादा हिंसक हो जाते हैैं। इसमें मुख्य रूप से प्रॉपर भोजन न मिलना और ब्रीडिंग का वक्त है। इस दौरान ही डॉग्स की ओर से हमला ज्यादा किए जाते हैैं।

पहला कारण

पानी से होती है चिढ़

एनिमल वेलफेयर ऑफिसर की माने तो बारिश होने पर सबसे ज्यादा रेबीज ग्रसित डॉग्स लोगों पर हमला करते हैैं। रेबीज ग्रसित डॉग्स को पानी से चिढ़ होती है और जब तेज बारिश होती है तो वे बेहद आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे में अगर कोई उनके पास से गुजरता है तो वे उस पर हमला कर देते हैैं।

दूसरा कारण

ब्रीडिंग टाइम

जब डॉग्स के ब्रीडिंग का समय शुरू होता है, तो उस दौरान भी डॉग्स कई बार लोगों पर हमला कर देते हैं। बच्चे और महिलाएं इनका आसान शिकार होती हैं। दो-तीन माह के दौरान ऐसे मामले राजधानी में बढ़े हैं।

तीसरा कारण

भोजन न मिलना

स्ट्रीट डॉग्स खाली पेट होने पर लोगों पर हमला करते हैं। एनिमल वेलफेयर ऑफिसर का कहना है कि डॉग्स को जब पर्याप्त भोजन मिल जाएगा तो उनके व्यवहार में पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा।

इस तरह करें बचाव

1- डॉग्स के झुंड के पास जाने से बचें

अगर आपको कहीं स्ट्रीट डॉग्स का झुंड नजर आता है तो उनके पास से गुजरते वक्त सावधानी बरतें।

2- पागल डॉग दिखे तो सावधान रहें

अगर आपकी गली में कोई रेबीज ग्रसित डॉग है तो तत्काल नगर निगम को जानकारी दें, ताकि वह किसी को नुकसान न पहुंचा सके।

3- पत्थर न मारे

अक्सर देखने में आता है कि लोग शरारतवश स्ट्रीट डॉग्स को लोग पत्थर आदि मार देते हैैं, जिसकी वजह से भी वे आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे करने से बचें।

4- बच्चों को अकेले न भेजें

प्रयास करें कि स्ट्रीट डॉग्स के पास से बच्चे अकेले न गुजरें। उनके साथ कोई बड़ा जरूर हो, ताकि स्ट्रीट डॉग्स बच्चों पर हमला न कर सकें।

सभी रेबीज ग्रसित डॉग्स नहीं

सभी स्ट्रीट डॉग्स रेबीज ग्रसित नहीं होते हैैं। निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन कराया जाता है। जिस स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन हो जाता है, वो रेबीज ग्रसित की श्रेणी में नहीं आता है। वहीं, जिनका वैक्सीनेशन नहीं होता है और उनका बिहेवियर सामान्य डॉग के मुकाबले ज्यादा आक्रामक हो जाता है, उन्हें रेबीज ग्रसित माना जा सकता है। पशु कल्याण विभाग की ओर से जो रेबीज ग्रसित डॉग्स को अभियान चलाकर पकड़ा जाता है, उन्हें वापस आवासीय एरिया में नहीं छोड़ा जाता है बल्कि जरहरा स्थित श्वान केंद्र में रखकर 14 से 15 दिन तक उनके बिहेवियर की स्टडी की जाती है। अगर डॉग का बिहेवियर सामान्य रहता है तो उसे वापस आवासीय एरिया से थोड़ा दूर छोड़ दिया जाता है।

मौसम में बदलाव समेत तीन प्रमुख कारण हैैं, जिनकी वजह से स्ट्रीट डॉग हिंसक हो जाते हैैं। हम सभी को प्रयास करना होगा कि अगर हमारे घर के आसपास कोई स्ट्रीट डॉग है तो उसे खाने को कुछ न कुछ देते रहें। जिससे उसका बिहेवियर आक्रामक न हो।

-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम