लखनऊ (ब्यूरो)। डॉग्स के बिहेवियर पर बदलते मौसम का भी खासा असर देखने को मिलता है। एक तरफ जहां स्ट्रीट डॉग्स ब्रीडिंग के वक्त ज्यादा हमलावर हो जाते हैैं, वहीं दूसरी तरफ बारिश होने पर रेबीज ग्रसित डॉग्स भी ज्यादा खूंखार हो जाते हैैं। ऐसे में हर किसी को सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके साथ ही कई बार डॉग्स भूख की वजह से भी लोगों पर हमला कर देते हैैं, ऐसे में गली-मोहल्लों में घूमने वाले स्ट्रीट डॉग्स को भोजन दिया जाना भी बेहद जरूरी है।

पानी से होती है चिढ़

एनिमल वेलफेयर ऑफिस की माने तो बारिश होने पर सबसे ज्यादा रेबीज ग्रसित डॉग्स लोगों पर हमला करते हैैं। दरअसल, रेबीज ग्रसित डॉग्स को पानी से चिढ़ होती है और जब तेज बारिश होती है तो उनका बिहेवियर अचानक चेंज हो जाता है और वे बेहद आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे में अगर कोई उनके पास से गुजरता है तो वे उस व्यक्ति पर हमला कर देते हैैं। वहीं, अब डॉग्स के ब्रीडिंग का समय भी शुरू हो चुका है, ऐसे में सभी तरह के स्ट्रीट डॉग्स का बिहेवियर आक्रामक हो जाता है।

इस तरह करें बचाव

1-डॉग्स के झुंड के पास जाने से बचें

अगर आपको कहीं स्ट्रीट डॉग्स का झुंड नजर आता है तो उनके पास से गुजरते वक्त सावधानी बरतें। प्रयास करें कि थोड़ी दूरी बनाकर उनके पास से गुजरें।

2-पागल डॉग दिखे तो सावधान रहें

अगर आपकी गली में कोई रेबीज ग्रसित डॉग है तो तत्काल नगर निगम को जानकारी दें, ताकि वह किसी को नुकसान न पहुंचा सके।

3-स्ट्रीट डॉग्स को पत्थर इत्यादि न मारें

अक्सर देखने में आता है कि लोग शरारतवश स्ट्रीट डॉग्स को लोग पत्थर इत्यादि मार देते हैैं, जिसकी वजह से भी वे आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे करने से बचें।

4-बच्चों को अकेले न भेजें

प्रयास करें कि स्ट्रीट डॉग्स के पास से बच्चे अकेले न गुजरें। उनके साथ कोई बड़ा जरूर हो, ताकि स्ट्रीट डॉग्स बच्चों पर हमला न कर सकें।

5-स्ट्रीट डॉग है तो खाने को देते रहें

अगर आपकी गली या मोहल्ले में कोई स्ट्रीट डॉग नजर आता है तो उसे खाने को कुछ न कुछ जरूर दें। दरअसल, कई बार देखने में आता है कि स्ट्रीट डॉग पर्याप्त भोजन न मिलने की वजह से भी आक्रामक हो जाते हैैं। डॉग स्पेश्लिस्ट का भी मानना है कि अगर स्ट्रीट डॉग को पर्याप्त भोजन मिलेगा तो निश्चित रूप से उसके बिहेवियर में चेंज आएगा।

सभी रेबीज ग्रसित डॉग्स नहीं

हर कोई यही मानता है कि सभी स्ट्रीट डॉग्स रेबीज ग्रसित होते हैैं, जबकि ऐसा नहीं है। निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन कराया जाता है। जिन स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन हो जाता है, वे रेबीज ग्रसित की श्रेणी में नहीं आते हैैं। वहीं, जिनका वैक्सीनेशन नहीं होता है और उनका बिहेवियर सामान्य डॉग के मुकाबले ज्यादा आक्रामक हो जाता है, उन्हें रेबीज ग्रसित माना जा सकता है। पशु कल्याण विभाग की ओर से जो रेबीज ग्रसित डॉग्स को अभियान चलाकर पकड़ा जाता है, उन्हें वापस आवासीय एरिया में नहीं छोड़ा जाता है बल्कि जरहरा स्थित श्वान केंद्र में रखकर 14 से 15 दिन तक उनके बिहेवियर की स्टडी की जाती है। अगर डॉग का बिहेवियर सामान्य रहता है तो उसे वापस आवासीय एरिया से थोड़ा दूर छोड़ दिया जाता है, वहीं अगर डॉग का बिहेवियर आक्रामक ही रहता है तो फिर उसे कहीं नहीं छोड़ा जाता है बल्कि उसे जरहरा में ही रखा जाता है, ताकि वे दूसरों के लिए खतरा न बन सके।

निश्चित रूप से मौसम में होने वाले परिवर्तन की वजह से भी डॉग्स के बिहेवियर पर खासा असर देखने को मिलता है। बारिश के मौसम की बात की जाए तो इस मौसम में रेबीज ग्रसित डॉग्स सबसे अधिक आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे में उनसे बचना बेहद जरूरी होता है। वहीं, ब्रीडिंग के समय और पर्याप्त भोजन न मिलने के कारण भी स्ट्रीट डॉग्स हमलावर हो जाते हैैं।

-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम