लखनऊ (ब्यूरो)। डिजिटलाइजेशन के इस दौर में भी शहर के यंगस्टर्स में लाइब्रेरी जाने का क्रेज बरकरार है। मोबाइल पर एक क्लिक पर ई-कंटेंट प्राप्त होने के बावजूद शहर के युवाओं को लाइब्रेरी में जाकर बैठकर अपनी पसंद की किताबें पढ़ना पसंद है, यही कारण है कि शहर में लाइब्रेरी का कल्चर बचा हुआ है। यही नहीं, फिजिकल रीडिंग का कल्चर समय के साथ फल फूल रहा है। लाइब्रेरी से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो हर रोज शहर की लाइब्रेरी में औसतन 100 से 200 स्टूडेंट्स रोजाना अपनी पसंद की किताबें पढ़ रहे हैं। युवाओं की इसी रुचि को देखते हुए सरकार कई पब्लिक लाइब्रेरी को तो अपग्रेड कर रही है, कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा पर भी जोर डाल रही है। शहर में युवाओं की रीडिंग हैबिट्स, कैसी किताबें पढ़ना पसंद करते हैं जैसे तमाम पहलुओं पर बातचीत की। पेश है एक रिपोर्ट

कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स के लिए बेहतर तैयारी का मौका

अलीगंज निवासी गौतम तिवारी बीते दो साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने लाइब्रेरी को तैयारी का एक अहम आधार बनाया है। एक तो यहां पर आपको हर तरह की किताबें कम से कम शुल्क पर पढ़ने को मिल जाती हैं। दूसरा, यहां पर आपको फोकस्ड रहने में मदद मिलती है। ज्यादातर लाइब्रेरी का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 से 7 बजे तक होता है। ऐसे में आपके पास एक अच्छा समय होता है जब आप अपनी तैयारी को और पुख्ता कर सकते हैं। आपके अंदर डिसिप्लिन रहता है, फोकस्ड रहते हैं और तय समय में आप अच्छा खासा कंटेंट पढ़ सकते हैं और उसके नोट्स भी बना सकते हैं।

फ्री में पढ़ सकते हैं किताबें

एलयू से लॉ की स्टूडेंट दीक्षा का कहना है कि कंप्यूटर पर या मोबाइल पर बहुत सारा कंटेंट अवेलेबल है और उससे समय भी बचता है। पर ऑथेंटिसिटी एक बहुत बड़ी समस्या है। किसी एग्जाम की तैयारी की बात हो या अपने कोर्स से संबंधित बेहतर कंटेंट के लिए मैं लाइब्रेरी जाना पसंद करती हूं। ज्यादातर लाइब्रेरी फ्री में आपको रीडिंग की फैसिलिटी देती हैं। कार्ड के लिए भी आपको मिनिमम शुल्क देना पड़ता है। अगर आप किताबें लेने जाएं तो वो ज्यादा महंगी पड़ेगी। ऐसे में लाइब्रेरी पढ़ने वालों के लिए हमेशा से ही अच्छा विकल्प है।

किताबों का होता है अच्छा कलेक्शन

लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स के साथ-साथ हर उम्र के लोगों के लिए किताबें उपलब्ध होती हैं। लाइब्रेरी में कॉम्पिटीशन से लेकर मोटिवेशनल, हिस्ट्री, आर्ट, कल्चर और यहां तक कि कुछ लाइब्रेरी कोर्स की किताबें भी रखते हैं। ऐसे में वहां किताबों की उपलब्धता अधिक है। कई ऐसी किताबें हैं जो बाजार में उपलब्ध नहीं होती, वे भी वहां मिल जाती हैं। साथ ही लाइब्रेरी बुक मंगवा भी देती हैं। एनडी लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन ज्योति कुमारी का कहना है कि लाइब्रेरी में अधिकतर वे यंगस्टर्स आते हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होते हैं। पीएचडी स्टूडेंट्स की भी अच्छी संख्या रहती है। साहित्य में रुचि रखने वालों की तादाद भी अच्छी खासी होती है। कोर्स की किताब भी स्टूडेंट्स इश्यू कराकर ले जाते हैं।