लखनऊ (ब्यूरो)। देखा गया है कि वाहन चलाते समय नाबालिग कई बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं। रेड लाइट जंप करना, बिना हेलमेट गाड़ी चलाना, ट्रिपलिंग करना और स्टंड इसमें शामिल है। राजधानी पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2022 सितंबर से लेकर मार्च 2024 तक 40 के करीब हादसे नाबालिगों के वाहन चलाने के पीछे हुए हैं। इन सभी मामलों में वाहन स्वामियों पर एक्शन लिया गया है।

पुलिस भी बनी रहती मूकदर्शक
नाबालिग खासतौर पर स्कूल-कालेज के आसपास तेज रफ्तार पर वाहन चलाते हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मी भी उन पर ध्यान नहीं देते हैं। स्कूल-कालेजों के पास भी कई बार नाबालिगों के पीछे हादसे हुए हैं, जिसमें नाबालिग वाहन चालकों को चोट भी आई हैं। जब कोई बड़ा हादसा होता है, तभी राजधानी पुलिस नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए अभियान चलाती है।

पैरेंट्स होते हैं जिम्मेदार
नाबालिगों के अधिक रफ्तार में वाहन चलाने के पीछे जितना वे जिम्मेदार हैं, उतना ही उनके पैरेंट्स भी जिम्मेदार हैं। पैरेंट्स ये सोचते ही नहीं है कि उनका बच्चा अभी वाहन चलाने के योग्य हुआ ही नहीं है। कई बार पैरेंट्स बच्चे को अधिक सेल्फ डिपेंडेंट मान लेते हैं। यह सही नहीं है। नियमों की अनदेखी किसी सूरत में नहीं करनी चाहिए, चाहें वह आपका बच्चा ही क्यों न हो। जब तक लाइसेंस न बने, बच्चों को गाड़ी न दें। बच्चे की सुरक्षा ही आपके लिए सबकुछ है। बच्चे सेफ रहेंगे तो आप भी मुसीबतों से दूर बने रहेंगे। कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाना न सिखाएं। वे वाहन चलाना सीख जाएंगे तो उसे चलाने की जिद भी करेंगे।
डॉ। देवाशीष शुक्ल, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ, कैंसर संस्थान

ऐसा करने से बचें
- बच्चों के सामने कभी भी गाड़ी की चाबी न छोड़ें
- 18 के बाद ही बच्चों का ड्राइविंग स्कूल में दाखिला कराएं
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस बच्चों को गाड़ी न दें
- बच्चा दूसरे बच्चे के साथ गाड़ी से जा रहा है तो उसे रोकें
- बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दें
- बच्चों को बताएं कि ट्रैफिक नियम तोडऩे पर सजा मिलती है

नाबालिग वाहन चलाते समय नहीं देते ध्यान
- रेड लाइट का पालन करना
- स्पीड की लिमिट क्रास करना
- हेलमेट न लगाना
- ड्राइव करते वक्त म्यूजिक सुनना
- ट्रिपलिंग करना
- रांग साइड वाहन चलाना
- कार में बिना सीट बेल्ट चलना

3 साल की सजा 25 हजार जुर्माना
एमवी व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी मोटरवाहन अपराध में बच्चों के पैरेंट्स या वाहन स्वामी के खिलाफ आईपीसी 304ए और 279 के तहत केस दर्ज किया जाता है। हालांकि इसमें जमानत मिल जाती है। साथ ही केस में दोषी हुए तो तीन कारावास और 25 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही अपराध लिप्त वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए निरस्त किया जाता है। ऐसे किशोर का डीएल 25 वर्ष एज पूरा करने के बाद ही बनाया जाता है।

अप्रैल 2024
महानगर थाना क्षेत्र के पेपर मिल गोरा कब्रिस्तान के पास कार चलाना सीख रहे नाबालिग ने दो महिलाओं को कुचल दिया। दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ एफआईआर दर्जकर कार्यवाही शुरू कर दी है।

फरवरी 2023
1090 चौराहे पर बाइक सवार नाबालिग ने पुलिसकर्मी को टक्कर मारी थी। मामले में पुलिस ने बच्चे के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी थी।

नाबालिगों का वाहन चलाने पर चालान किया जाता है। इस तरह के मामलों में हर साल 300 से अधिक वाहनों का चालान होता है।
सलमान ताज, डीसीपी ट्रैफिक