लखनऊ (ब्यूरो)। यह तो पहले से ही तय हो चुका है कि 10 मई से पुल का निर्माण शुरू होगा, वहीं अब ड्राइंग-डिजाइन भी फाइनल हो गई है। जिसमें साफ है कि फ्लाईओवर का निर्माण कुछ इस तरह से किया जाएगा कि जहां पर फ्लाईओवर उतरेगा, वहां पर कहीं से भी रोड क्रास नहीं होगी। इसका मतलब यह है कि इस पूरे रूट पर कहीं भी जाम की समस्या सामने नहीं आएगी।

ग्रीन कॉरीडोर का दूसरा चरण
ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत हनुमान सेतु से समतामूलक चौराहे तक वाहन सीधे फर्राटा भरेंगे। इसके लिए एलडीए ने हनुमान सेतु, निशातगंज व कुकरैल पर तीन नये पुलों के निर्माण की दिशा में काम शुरू कर दिया है। 2 लेन व 4 लेन पुलों के निर्माण के लिए मिट्टी का परीक्षण करा लिया गया है। इसके अलावा पुलों की ड्राइंग एवं डिजाइन भी तैयार करा ली गयी है।

ट्रैफिक डायवर्जन का प्लान
पुलों के निर्माण के दौरान अगर ट्रैफिक डायवर्जन की आवश्यकता होगी तो उसके लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा। जिससे कि उक्त रास्तों से गुजरने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। वहीं, ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत गऊ घाट पर बनाये गये पुल के नीचे खाली हिस्से में पौधरोपण का काम दस दिन के अंदर शुरू होगा।

लंबे समय से इंतजार
उक्त प्रोजेक्ट के लिए लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब इस प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलने जा रही है। इसका फायदा यह है कि हनुमान सेतु से समता मूलक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। इस पुल के बनने के बाद करीब पंद्रह से बीस मिनट में ही यह रास्ता तय किया जा सकेगा। वहीं दूसरी तरफ इस फ्लाईओवर के बन जाने से निशातगंज रोड पर भी जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। हनुमान सेतु के सामने होने वाली पार्किंग के पास से इस पुल का निर्माण शुरू होगा और यह गोमती के समानांतर जाएगा। एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। इसकी वजह से कई रूट्स पर ट्रैफिक लोड खासा कम हो जाएगा।