लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई एडवांस मेडिकल एक्विपमेंट तैयार करने में स्टार्टअप की मदद कर रहा है। जिसे मेडिकल और इंजीनियरिंग के कॉम्बीनेशन से तैयार किया जा रहा है। संस्थान प्रशासन के मुताबिक अब तक 28 स्टार्टअप एडवांस स्टेज में पहुंच चुके हंै। पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट दे सकें इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारा संस्थान, एसटीपीआई, प्रदेश सरकार और सेंटर की इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। अबतक 37 स्टार्टअप तैयार हैं। जिनको कंपनी सपोर्ट कर रही है। इसे बढ़ाकर 50 तक ले जाना है।

सस्ते उपकरण हो रहे तैयार

इन स्टार्टअप की मदद से एंडोस्कोप, वेंटिलेटर समेत अन्य सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट तैयार करने का काम हो रहा है। अभी एक इन्क्यूबेट करने वाली डिवाइस बनाई गई है, जिसे वीडियो पर देखा जा सकता है। बाजार में इसकी कीमत दो लाख रुपए से अधिक है लेकिन यहां इसे 25 से 30 हजार के खर्च पर ही बनाया गया है। कंपनी की मदद से इसे रिफाइंड कर बाजार में उतारा जाएगा। वहीं, प्री मेच्योर बच्चों में पीलिया की समस्या होने पर रेज द्वारा बिना ब्लड निकाले पीलिया का स्तर नापने की डिवाइस भी बनाई गई है। इसमें भी काफी कम खर्च आया है।

सभी कर रहे मदद

निदेशक प्रो। आरके धीमन के मुताबिक इन स्टार्टअप में फैकल्टी और डॉक्टर्स भी मदद कर रहे हैं। जल्द ही अन्य स्टार्टअप के लिए मीटिंग कर रहे हैं। स्टार्टअप स्क्रीनिंग होकर इंटरनेशनल लेवल तक जाते हैं। सस्ते उपकरणों के बनने का सीधा फायदा मरीजों को होगा। क्योंकि पहले यह प्रदेश लेवल पर आते है। अगर यह ठीक है तो वो नेशनल लेवल पर जाते है। जहां से स्क्रीनिंग होकर इंटरनेशनल आते है। जिसके बाद इंडियन या विदेशी कंपनी इनको लेने आगे आती है। जिससे यह मार्केट में आने में मदद मिलती है। सस्ते होने के कारण यह मरीजों के हित में भी होते है।