लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में आए दिन सड़क हादसों में लोग अपनी जान गवां रहे हैं। इसका मुख्य कारण ओवरस्पीडिंग, स्टंटबाजी करने से लेकर पुलिस की तरफ से कोई ठोस एक्शन प्लान न बनाया जाना भी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस अहम मुद्दे को लेकर 'इन जख्मों का इलाज जरूरी' नाम का अभियान चलाया, जिसके बाद अब लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसके तहत ओवरस्पीडिंग पर लगाम, सीसीटीवी कैमरे बढ़ाना, स्टंटबाजी रोकना, एक्सीडेंट के पेंडिंग केसों को सुलझाना, ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने जैसे अन्य कार्य किए जाएंगे। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के मुद्दे पर हमने की जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल से बात

सवाल- आए दिन सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है, इसपर अंकुश लगाने की क्या प्लानिंग है?

जवाब- एक्सीडेंट रोकना पुलिस के लिए चुनौती है। शहर के कई ऐसे प्वाइंट्स को चिन्हित किया गया है, जहां पर सबसे अधिक तेज रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भरती हैं। यहां पर एक्स्ट्रा फोर्स की तैनाती की गई है। इसके अलावा बैरिकेडिंग भी की गई है, ताकि यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों में पुलिस का खौफ रहे।

सवाल- ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया है?

जवाब- ब्लैक स्पॉट्स कई मानकों को ध्यान में रखने के बाद घोषित किए जाते हैं। इसमें एक्सीडेंट होने की वजह होती है। इन स्पॉट्स को खत्म करने के लिए पीडब्ल्यूडी समेत संबंधित विभाग लगातार काम कर रहे हैं। पिछले दिनों कई स्पॉट को खत्म भी किया गया है। वहीं, जिन जगहों पर अब भी ब्लैक स्पॉट्स हैं, उन्हें खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है।

सवाल- ओवरस्पीडिंग एक बड़ा मुद्दा है, इसे रोकने की क्या तैयारी है?

जवाब- इस पर अंकुश लगाने के लिए पहले तो उन सभी वाहनों को चिन्हित किया गया है, जिनपर ओवरस्पीडिंग के दो से अधिक चालान हैं। ऐसे कुल 121 वाहन निकलकर सामने आए थे, जिसके बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इतना ही नहीं, अब ऐसे वाहनों की ट्रैफिक पुलिस हर महीने डिटेल निकालेगी और फिर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। मकसद यह है कि वाहन चालक नियमों का उल्लंघन न करें।

सवाल- सीसीटीवी कैमरों का होना बहुत जरूरी होता है, लेकिन कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां कैमरे ही नहीं हैं?

जवाब- पुलिस के पास कैमरों का बजट नहीं होता है। स्मार्ट सिटी और मार्केट के व्यापारी कैमरा लगवाते हैं। अलग-अलग योजनाओं में लगभग 24 हजार से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा शहीद पथ समेत अन्य जगहों पर भी कैमरे लगवाए जा रहे हैं, जिनका मकसद शहर में होने वाले क्राइम के साथ-साथ एक्सीडेंट की घटनाओं में आरोपियों को पकड़ना।

सवाल- कई पुराने सड़क हादसों में मृतक के परिवारों को अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। इसके लिए कोई प्लानिंग?

जवाब- सड़क हादसे के बाद पुलिस हर पहलु पर मामले की जांच करती है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से लेकर लोगों के बयान दर्ज होते हैं, लेकिन कई बार गाड़ियों की पहचान न होने से पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती है। इसके लिए थाना प्रभारियों को अलर्ट किया गया है, ताकि अनसुलझे केसों को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके।

सवाल- स्टंटबाजी को रोकना बड़ी चुनौती बन रहा है?

जवाब- इसे स्टंटबाजी नहीं कह सकते, हां ये जरूर है कि कई युवा रैश ड्राइविंग करते हैं। जनेश्वर पार्क मिश्र, मरीन ड्राइव समेत कई प्वाइंट्स हैं, जिन्हें पुलिस ने चिन्हित किया है। यहां पुलिसकर्मियों की दिन के अलावा रात में भी ड्यूटी लगाई गई है। पिछले दिनों कई रेसर बाइक्स को भी पुलिस ने सीज किया है।

यह भी जानिए

- ओवरस्पीड के दो से अधिक चालान कटने पर दर्ज होगा मुकदमा

- जनेश्वर मिश्र पार्क समेत अन्य प्वाइंट्स पर की गई बैरिकेडिंग

- शहर में और कैमरे लगाने के लिए पुलिस व्यापारियों से कर रही अपील

- कई मुख्य सड़कों पर ओवरस्पीडिंग रोकने के लिए लगाई जा रही बैरिकेडिंग

- स्टंटबाजी पर अंकुश लगाने के लिए बाइकर्स गु्रप पर बढ़ाई गई अलर्टनेस

अपील: खुद को और दूसरों को रखें सेफ

ओवरस्पीड में गाड़ी चलाने से खुद पर तो खतरा मंडराता ही है, साथ ही दूसरों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। किसी को दिखावे या कहने पर तेज गाड़ी न चलाएं बल्कि अपने संयम से गाड़ी चलाएं। आपकी जल्दबाजी किसी का परिवार उजाड़ सकती है। लोगों से अपील है कि ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह से पालन करें, ताकि आप खुद भी सेफ रहें और दूसरे भी।

उपेंद्र कुमार अग्रवाल, जेसीपी लॉ एंड आर्डर