लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट पर आधिकारिक तौर पर 13 भाषाओं में देश के नागरिकों को अपना विशिष्ट पहचान पत्र बनवाने की सुविधा मिली है। इसी कड़ी में प्राधिकरण में साल 2014 में पहली बार लखनऊ यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग के कोऑर्डिनेटर डॉ अब्बास रज़ा नय्यर को इसकी जिम्मेदारी दी गई। इसमें प्राधिकरण ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध इंग्लिश के सभी मैटर और जानकारियांं उर्दू भाषा में अनुवाद करने की जिम्मेदारी दी। जिसके बाद उर्दू विभाग ने वेबसाइट पर मौजूद सभी जानकारी को उर्दू भाषा में अनुवाद कर वेबसाइट पर इसे रन कराने में मदद की।
यह यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात
उर्दू विभाग के कोऑर्डिनेटर प्रो डॉ अब्बास रजा नय्यर ने बताया कि यूआईडीएआई जब भी कोई नई चीज वेबसाइट पर अपलोड करता है। तो उस जानकारी को उर्दू में अनुवाद करने की जिम्मेदारी एलयू को मिलती है। अब सरकार ने वोटर आईडी को आधार से जोडऩे का आदेश दिया है। हमें उम्मीद है हर बार की तरह इस बार भी इस प्रस्ताव को लेकर जो भी जरूरी बदलाव होंगे उसकी जानकारी उर्दू में करने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी को ही मिलेगी। यह हमारे लिए गर्व की बात है। लखनऊ यूनिवर्सिटी उर्दू भाषा को संजोने और उसके विस्तार का काम निरंतर कर रही है।