लखनऊ (ब्यूरो)। दक्षता और आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में नए साल पर केजीएमयू में ई-ऑफिस पोर्टल सिस्टम लागू होने जा रहा है। नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और यूपी सरकार द्वारा विकसित यह फाइल मैनेजमेंट और ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर केजीएमयू की आंतरिक प्रक्रियाओं में क्रांति ला सकता है। यह सिस्टम सोमवार से लागू हो जाएगा। जिससे शासन और मरीज संबंधित सभी डॉक्यूमेंट्स एक ही जगह पर मिल सकेंगे।

पारदर्शी होगा पूरा सिस्टम

ई-ऑफिस पोर्टल लागू होने से केजीएमयू के कार्यालय के सभी पत्र, पत्रावली, फाइल का डिजिटलाइज्ड हो चुका है। इससे फाइल व पत्रावलियों को तलाशना आसान होगा। कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। फाइलों के गायब होने की आशंका भी कम होगी। कम समय में फाइलें खोजी जा सकेंगी। जिससे कम समय में फाइल को ट्रैक करने और निर्णय लेने में आसानी होगी। मैनेजमेंट, फैकल्टी और मरीज सभी को इसका फायदा होगा।

मरीजों को मिलेगा फायदा

मामले को लेकर वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद ने इस कदम के बारे में बताया कि ई-ऑफिस पोर्टल को अपनाना केजीएमयू के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह पहल हमारे मिशन के साथ मेल खाता है। तकनीक को हमारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं में समर्थित करना ये सुनिश्चित करती हैं। हमारा ध्यान उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा शिक्षा और मरीजों की सेवाओं पर बना रहता है।

शासन ने मैनपावर की रिपोर्ट की तलब

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में दो महिला मरीजों की वेंटिलेटर न मिलने के कारण हुई मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शासन द्वारा अब क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 34 में सिर्फ 18 वेंटीलेटर के संचालन के मामले में केजीएमयू प्रशाासन से रिपोर्ट तलब कर ली है। जिसमें विभाग में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ आदि सभी का ब्यौरा भी तलब किया है। दरअसल, ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का संचालन हो रहा है, यहां 34 वेंटीलेटर हैं। शनिवार को ट्रॉमा में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड पर महज 18 बेड पर मरीजों की भर्ती दर्ज की गई। सभी 18 बेड फुल दिखाए जा रहे थे, बाकी 16 बेड का कोई ब्यौरा डिस्प्ले बोर्ड पर नहीं दिखाया गया। इस मसले को शासन ने गंभीरता से लिया है। शासन ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि विभाग में सात नियमित डॉक्टर, पांच डीएम, तीन सीनियर रेजिडेंट समेत पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ भी हैं। जिसके कारण सभी का संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में शासन ने मैनपावर की रिपोर्ट तलब कर ली है।