लखनऊ (ब्यूरो)। गोमतीनगर थाना पुलिस ने राजस्थान के जयपुर निवासी सतेंद्र सिंह शेखावत (43) नाम के एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है, जो शहर में लग्जरी गाड़ियों की फिल्मी स्टाइल में चोरी करता था। वह एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों गाड़ियों पर हाथ साफ कर चुका है। पहले जहां माना जाता था कि चोरी की गाड़ियां नेपाल भेजी जाती थीं, वहीं अब खुलासा हुआ है कि ये गाड़ियां राजस्थान सप्लाई की जा रही हैं। इन गाड़ियों का क्या होता है? कहां-कहां सप्लाई होती है? मास्टरमाइंड कौन है? आप अपनी गाड़ियों को सेफ कैसे रख सकते हैं? पढ़ें इन तमाम पहलुओं पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट

इस तरह चोरी होती हैं गाड़ियां

राजधानी में आए दिन फॉर्च्यूनर समेत अन्य एसयूवी गाड़ियों की चोरी होने के मामले सामने आ रहे थे। बीते 28 दिसंबर को गोमतीनगर विपुलखंड के रहने वाले नरेंद्र नाथ शुक्ला ने बताया था कि उनकी गाड़ी (यूपी-32 केबी 3700) चोरी हो गई है। इसके बाद से पुलिस अलर्ट हुई और सहारा ओवरब्रिज के नीचे से आरोपी सतेेंद्र को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह सर्विस सेंटर पर जाता था और (एक्सपैड-2) के माध्यम से यहां पर सर्विस के लिए आई गाड़ियों के चेसिस और इंजन नंबर की मदद से चाबी तैयार कर ली जाती है। साथ ही ओबीडी पोर्ट में जीपीएस लगा दिया जाता है, यानी जिस जगह पर गाड़ी जाती है, उसकी तुरंत लोकेशन मिलती रहती है।

मोबाइल से रहती है गाड़ी पर नजर

गाड़ी में जीपीएस लगा होने की वजह से पल-पल की लोकेशन शातिर के पास पहुंचती रहती है। इसके बाद वह रात में गाड़ी की लोकेशन पर पहुंचता है और डुप्लीकेट चाबी के जरिये लॉक खोल लेता था। इतना ही नहीं, किसी को डुप्लीकेट चाबी के बारे में पता न चले इसके लिए ड्राइवर की सीट की तरफ वह अपने साथ लाए कांच को जमीन पर बिखेर देता था, ताकि उसे देखकर गाड़ी मालिक और पुलिस को लगे कि गाड़ी का शीशा तोड़ चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है।

गाड़ी में फेक नंबर प्लेट

वारदात को अंजाम देने के बाद शातिर शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित पार्किंग एरिया में गाड़ी को पार्क कर फर्जी नंबर प्लेट लगा देता था। 5 से 7 दिन बाद जब मामला शांत हो जाता था तो उन गाड़ियों को राजस्थान ले जाया जाता था, जहां पर पहले से सेट गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग समेत अन्य गैंग को गाड़ी कम कीमत पर बेच दिया जाता है। इसके बाद यहां से फर्जी नंबर प्लेट से गाड़ियां आपराधिक वारदातों समेत अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही बाद में गाड़ी को स्क्रैप या फिर अन्य राज्यों में भेज दिया जाता है।

15 एसयूवी पर रख रहा था नजर

डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी ने खुलासा किया है कि वह चारबाग के पास छोटे होटलों में रहता है। यहां से वह पटना, रायपुर और लखनऊ की लग्जरी गाड़ियों को चोरी करने के लिए निगरानी रखे हुए था। आरोपी के मोाबाइल पर 15 गाड़ियों पर लगे जीपीएस एक्टिव पाए गए हैं, जिसकी वह निगरानी करता रहता था।

डेढ़ साल पहले जेल से आया बाहर

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के खिलाफ महाराष्ट्र के अलग-अलग शहर पुणे, मुंबई और ठाणे में चोरी और लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज है। साथ ही हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात समेत यूपी के अलग-अलग शहरों मे चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है, जिसका पुलिस पता लगा रही है। वहीं, करीब डेढ़ साल पहले ही आरोपी तेलंगाना जेल से छूटकर बाहर आया था।

बरामद हुआ ये सामान

01 स्कार्पियो गाड़ी

02 मोबाइल

11 इलेक्ट्रिक चाबियां

01 दोपहिया वाहन चाबी

01 चार पहिया वाहन चाबी

02 वाई-फाई डोंगल

01 हथौड़ा

01 छेनी

02 नंबर प्लेट

2.47 लाख रुपये कैश

ये भी जानिए

- 10 राज्यों से चोरी कर चुका है गाड़ियां

- 50 से अधिक गाड़ियों को बेचा

- 01 दर्जन से अधिक जगहों पर बनाया ठिकाना

- 5 से 10 लाख में बेचता था गाड़ियां

- आरोपी ने कर रखा है एमबीए

शहर के अलग-अलग हिस्सों में आए दिन फॉर्च्यूनर गाड़ियों के चोरी होने की लगातार शिकायतें आ रही थीं। पुलिस को अपराधी की तलाश थी। पकड़ा गया आरोपी 10 से अधिक राज्यों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी पूर्वी

क्या बोले एक्सपर्ट

आजकल ज्यादातर गाड़ियों में हाइटेक फीचर आते हैं। अगर कोई गाड़ी चोरी भी करता है तो उसकी लोकेशन मोबाइल पर आती रहती है। किसी भी लग्जरी गाड़ी को चोरी करना आसान नहीं है, लेकिन कई बार चोर गाड़ियों पर हाथ साफ कर ही देते हैं। गाड़ी मालिकों को चाहिए कि समय-समय पर अपने गाड़ी और मोबाइल के साफ्टवेयर को चेक करते रहना चाहिए। अगर कोई प्राब्लम आ रही है तो फौरन उस दिक्कत को दूर कराएं, ताकि आपकी गाड़ी चोरी न हो।

एसबी सिंह, ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट