लखनऊ (ब्यूरो)। दीपावली और छठ पूजा को लेकर अस्पतालों में इलाज के और पुख्ता इंतजाम किए जाएं। दीपावली में किसी भी प्रकार की दुघर्टना से निपटने के लिए अस्पताल तैयार रहें। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें बनाई जाएं। यह निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जारी किए। अस्पतालों में दीपावली के दौरान जांच व इलाज में कोई कमी न हो। डॉक्टरों की टीम बनाएं। इसमें हड्डी, सर्जन, नेत्र सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, मेडिसिन समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल करें। इमरजेंसी दवाओं का स्टॉक तैयार कर लें। अवकाश के दिन भी एक्सरे, सीटी स्कैन और पैथोलॉजी से जुड़ी जरूरी जांचें हों।

इमरजेंसी नंबर ठीक कराएं

इसके अलावा, अस्पताल की इमरजेंसी के फोन नंबर दुरुस्त कराएं जाएं। प्रदेश भर के सीएमओ कार्यालय में कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करें। इसमें किसी भी दशा में लापरवाही नहीं बरती जाएगी। 108 व 102 एंबुलेंस सेवाएं बाजार, भीड़भाड़ और पूजा स्थलों पर लगाई जाएं।

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ग्लोबल फंड ग्रांट कमेटी ने केजीएमयू का किया दौरा

ग्लोबल फंड की ओवर साइट कमेटी द्वारा एचआईवी, टीबी और मलेरिया बीमारियों का विवरण लेने मंगलवार को केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में दौरा किया गया। साथ ही इस टीम ने एआरटी सेंटर और माइक्रोबायोलॉजी लैब का भी दौरा किया। इस दौरान डॉ। सूर्यकांत, विभागाध्यक्ष रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने टीम को टीबी और एचआईवी के मरीजों का विस्तृत विवरण दिया और इन बीमारियों से उप्र की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

ट्रेनिंग देने का होगा काम

डॉ। सूर्यकांत ने टीम को बताया कि हाल ही में नेशनल स्ट्रेटेजिक प्लान के तहत राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम देश में ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को विकसित कर रहा है। ये सेंटर मरीजों की देखभाल के साथ नोडल और जिला डीआरटीबी सेंटर के साथ मिल कर एक सामूहिक उच्च गुणवत्ता परख हब का निर्माण करेंगे। प्रदेश में इसके लिए केजीएमयू को चुना गया है। सभी 75 जिलो में टीबी विशेषज्ञों एवं इससे संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त नये शोध एवं नवीन विषयों पर सेमिनार आयोजित कराये जायेंगे।