लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी के अंतर्गत सेफ सिटी एप में सेफ्टी फीचर्स जोड़े जाने का काम शुरू कर दिया गया है। अभी जो फीचर्स एड किए गए हैं, उससे साफ है कि अगर कोई महिला घर के अंदर या कहीं भी जोर से मोबाइल फेंकती है तो एहतियातन डायल 112 के पास कॉल पहुंच जाएगी। जिसके बाद पुलिस की ओर से संबंधित महिला को कॉल करके हेल्प पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही कई अन्य फीचर्स भी जोड़े जा रहे हैं।

एप पर चल रहा है काम

अभी एप को डेवलप करने का काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में एक साथ लागू किया जाना है। मतलब पूरे प्रदेश की महिलाओं को मजबूत सुरक्षा चक्र देने के लिए ही एप को लांच करने की तैयारी है। इस एप को लांच करने की वजह भी यही है कि महिला किसी भी वक्त और किसी भी विषम परिस्थिति में तत्काल पुलिस की मदद ले सके। इस एप का नाम सेफ सिटी एप रखा गया है। इसमें एक दर्जन से अधिक सेफ्टी फीचर्स को एड किया जाएगा।

थानों-कंट्रोल रूम के नंबर होंगे इंटीग्रेटेड

इस एप की एक खासियत यह है कि इसमें प्रदेश भर के सभी थानों, पुलिस अधिकारियों और पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर भी इंटीग्रेटेड किए जाएंगे। जिससे कोई भी महिला जरूरत पड़ने पर इन नंबर्स पर कॉल करके हेल्प ले सकेगी। खास बात यह है कि हर कॉल का रिकॉर्ड भी अलग से प्रिपेयर किया जाएगा। जिससे यह पता चल सकेगा कि कॉल कहां से आई और कितनी देर में हेल्प पहुंची। इस एप की मुख्य जिम्मेदारी पुलिस महकमे के पास ही रहेगी। इस एप को स्मार्ट सिटी एप से भी कनेक्ट किया जाएगा। प्ले स्टोर से जाकर इस एप को डाउनलोड किया जा सकेगा, लेकिन अभी इसके लिए कुछ वक्त का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, जिस रफ्तार से एप पर काम चल रहा है, उससे पूरी संभावना है कि इसी साल यह सुविधा मिल सकती है।

सेंसर बेस्ड होगा एप

अगर कोई महिला अपना मोबाइल जोर से जमीन पर पटकेगी तो एप के माध्यम से सीधे कॉल पुलिस तक पहुंच जाएगी। यह कॉल वाइब्रेशन बेस्ड होगी। वहीं, जरूरत पड़ने पर क्रिटिकल कंडीशन में फंसी महिला की ओर से एप के माध्यम से सीधे पुलिस को भी कॉल की जा सकेगी। एप के माध्यम से कॉल करने वाली महिला की लोकेशन भी संबंधित थानों और पुलिस कंट्रोल रूम में शेयर होगी, जिससे पुलिस तत्काल एक्शन ले सकेगी। हालांकि, एप के अन्य फीचर्स अभी पूरी तरह से सामने नहीं आए है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस एप से महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कदमों को और मजबूत किया जा सकेगा। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द एप को लांच कर दिया जाए।