लखनऊ (ब्यूरो)। यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि वजीर हसन रोड पर बनाया गया अलाया अपार्टमेंट पूरी तरह से नियमों के विपरीत बना हुआ था। करीब 12 साल पहले ही फ्लैट्स की रजिस्ट्री तक की जाने लगी थी, जबकि प्राधिकरण की ओर से अपार्टमेंट का नक्शा कैंसिल किया जा चुका था। बिल्डर ने कंपाउंडिंग के लिए भी आवेदन किया था लेकिन उसके आवेदन को भी खारिज कर दिया गया था। ऐसे में सवाल उठते हैैं कि अपार्टमेंट तैयार होने के बाद भी प्राधिकरण के अभियंताओं की नजर कैसे नहीं पड़ी। अब प्राधिकरण की ओर से दोषियों को सामने लाने की तैयारी की जा रही है लेकिन अगर ये कदम पहले उठाया गया होता तो शायद ये दर्दनाक हादसा नहीं होता।

नजर नहीं पड़ी या नजरअंदाज किया गया

एक सवाल यह भी है कि शहर के पॉश एरिया में अवैध अपार्टमेंट बनकर तैयार हो गया और परिवार उसमें अपनी जान जोखिम में डालकर रहने भी लगे। इसके बावजूद प्राधिकरण के जिम्मेदारों की इस पर नजर नहीं पड़ी या ये कहें कि उनकी ओर से इसे जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। हर हादसे के बाद यही सवाल उठते हैैं लेकिन उसके जवाब सामने नहीं आते हैैं।

तथ्यों को छिपा लिया बिल्डर ने

यह भी जानकारी सामने आई है कि पहले नक्शे में कुल कवर्ड एरिया 504.70 वर्गमीटर दिखाया गया, जिसे कंपाउंडिंग नक्शे में 456.48 वर्गमीटर कर दिया गया। एलडीए ने इस कंपाउंडिंग नक्शे को निरस्त तो कर दिया लेकिन बिल्डर ने पांच मंजिला अपार्टमेंट तैयार करा डाला। पतले पिलर पर बनाए गए अपार्टमेंट के बेसमेंट में पार्किंग भी दी गई थी। इतना ही नहीं, जिस गली में इस अपार्टमेंट को बनाया गया, उसकी रोड छह मीटर के आसपास ही रही होगी। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं।