- बच्चे भी मांग रहे अल्लाह से कोरोना के खात्मे की दुआ

LUCKNOW: लॉकडाउन की वजह से इसबार रमजान में बहुत सी रवायतों और रस्मों में बदलाव देखने को मिल रहा है। जिसमें सबसे खास रोजा कुशाई रस्म होती है, जो घर के बच्चों के पहली बार रोजा रखने पर की जाती है। जहां नाते-रिश्तेदारोंको बुलाया जाता है और बड़ी इफ्तार पार्टी का आयोजन होता है, लेकिन इसबार यह रस्म सादगी के साथ हो रही है। सिर्फ परिवार के लोग ही इस रस्म में शामिल हो रहे हैं। वहीं बच्चे भी दुआ कर रहे है कि कोरोना जैसी वबा जल्द खत्म हो ताकि उनका बचपन फिर लौट के आ सके। पेश है अनुज टंडन की खास रिपोर्ट।

खुदा का शुक्रगुजार हूं

पहली बार रोजा रखा है, गर्मी से शुरुआत में परेशानी हुई। अम्मी ने मेरी पसंद के पकवान बनाए थे। मेरा पहला रोजा मुकम्मल हो गया है। इसके लिए मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं। उन्हीं की वजह से मैं इतना कठिन रोजा रख सका हूं। मैंने अल्लाह से यही दुआ मांगी है कि वह हमारे देश से इस कोरोना बीमारी का खत्मा कर दे और इससे हो रही परेशानियां दूर हो जाएं।

अरबाब दानिश

बहुत खुशी हो रही है

पैरेंट्स ने बताया कि रोजा रखने से कितना सवाब मिलता है। जब पहली बार रोजा रखा तो मुश्किल हो रही थी। पहली बार इतनी देर तक कुछ भी नहीं खाया था। इस बार हमारे रिलेटिव नहीं आ सके इसका मलाल है, फिर भी लॉकडाउन का हमको पालन करना है। मैंने लॉकडाउन खत्म होने की दुआ भी मांगी है ताकि पहले की तरह ही हम फिर एक-दूसरे के घर आ जा सकें।

जारा खान

दोबारा घूमने जा सकूं

पापा ने बताया कि रोजा रखना कितनी अच्छी बात होती है और अगर बच्चे रोजा रखकर दुआ मांगेंगे तो खुदा पाक हमारी दुआ जल्द कुबूल करेंगे। दादी ने तो मुझे पैसे भी दिये हैं। मुझे खुशी हो रही है कि मेरा पहला रोजा पूरा हुआ है। ऊपर वाले से यही दुआ है कि जल्द यह कोरोना दूर हो और हम पहले कि तरह घूमने जा सकें।

मुअम्माल जाफर

जल्द दूर हो यह संकट

यह मेरा पहला रोजा है। सुबह जल्दी उठकर सहरी के बाद रोजा शुरू हुआ। गर्मी से काफी प्राब्लम हो रही थी लेकिन अम्मी ने मेरी मदद की। लॉकडाउन के कारण मेरे रिश्तेदार और दोस्त मेरे पहला रोजा कुशाई में नहीं आ सके। ऊपरवाले का शुक्रगुजार हूं कि उसकी रहमतों से मैं अपना पहला रोजा रख सका। यही दुआ है कि जल्द यह प्राब्लम दूर हो ताकि हम पहले की तरह खेल सकें।

अर्सलान मुर्तुजा रिजवी