लखनऊ (ब्यूरो) । केजीएमयू के कलाम सेंटर में एमबीबीएस 2017 और 2018 के बैच द्वारा फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया गया था। पार्टी के दौरान कई मेडिकोज द्वारा स्मोकिंग के साथ एल्कोहल के नशे में जमकर हंगामा किया गया जबकि पार्टी में इस तरह के पदार्थों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बावजूद इनका जमकर इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद मामले को लेकर चीफ प्रॉक्टर से शिकायत की गई। इसपर एक जांच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने जांच के दौरान पांच मेडिकोज को मामले में दोषी पाया। इसमें तीन छात्र 2018 बैच और दो छात्र 2017 बैच के शामिल हैं।

कारण बताओ नोटिस थमाया
पांचों मेडिकोज पर अनुशासनहीनता के आरोप को देखते हुए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। जिसके तहत पांचों मेडिकोज से दो दिनों में अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्देशित किया गया है कि क्यों न उपरोक्त कृत्य को देखते हुए उन सभी को केजीएमयू से अग्रिम आदेशों तक के लिए निलंबित कर दिया जाये।

छह माह के लिए लगा प्रतिबंध
मामले की गंभीरता को देखते हुए पांचों छात्रों पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। इसके तहत अगले छह माह तक संस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद कार्यक्रमों समेत अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

ये मेडिकोज दोषी
एमबीबीएस 2018 बैच के आयुष सिंह, प्रतीक मोतियारी और आयुष मलिक शामिल हैं जबकि 2017 बैच की ज्योत्सना राज और राम प्रवेश गुप्ता शामिल हैं। इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।


संस्थान में अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी, जो भी गैर अनुशासन काम करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता केजीएमयू