लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के एनुअल कल्चरल फेस्ट रैप्सोडी-23 का बुधवार को बेहद धूमधाम से शानदार आगाज हुआ। पहले दिन मेडिकोज ने स्टेज पर जलवे बिखेर कर हर किसी को अपना मुरीद बनाया। इस दौरान मेडिकोज द्वारा डांसिंग, सिंगिंग, बैंड वॉर और अन्य कॉम्प्टीशन में हिस्सा लिया गया। जिसमें सभी का टैलेंट देखते ही बन रहा था।

मेडिकोज दिखाया कमाल

फेस्ट का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर प्रो। अपजित कौर, कार्यकारी प्रति कुलपति द्वारा किया गया। इस दौरान डीन एकेडमिक प्रो। अमिता जैन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो। आरएएस कुशवाहा, पॉक्टर प्रो। क्षितिज श्रीवास्तव समेत आयोजन समिति के समस्त सदस्य, को-ऑडिनेटर, चिकित्सक व छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। वहीं, रैप्सोडी में पहले दिन युगल नृत्य, बैटल ऑफ बैंड्स, नृत्य अभिनय, एकल नृत्य, स्केच ए थॉन, लोनी टेल्स और वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएं हुईं। जिसमें मेडिकोज ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। पहले दिन नृत्य रशिका-युगल नृत्य प्रतियोगिता में अलीशा चौधरी व शिखा अग्रवाल (बीडीएस 2022 बैच) को प्रथम, स्वरागिनी-बैटल ऑफ बैंड्स के तहत केजीएमयू अलफास टीम (एमबीबीएस 2022 बैच), नृत्य अभिनय-एकल नृत्य प्रतियोगिता के तहत आकाश मीना, स्केच ए थॉन-द पिक्शनरी कॉन्टेस्ट के तहत सुयश वार्ष्णेय, वैभव सिंह व शुभाजीत रॉय, लोनी टेल्स-ऑन स्पॉट स्टोरी मेकिंग प्रतियोगिता के तहत श्रुति शर्मा, शुभांगी दीक्षित, मृदुल गर्ग और वाद-विवाद प्रतियोगिता के तहत शाश्वत ने बाजी मारी।

कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

कल्चरल फेस्ट के तहत सोहरत का खेल और लब-डब के तहत एक से बढ़कर एक नाटक ने दर्शकों को गुदगुदाया। इस दौरान पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इसके बाद शाम-ए-नज्म कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ। अमिय अग्रवाल ने 'ज्यों-ज्यों दुर्गमता बढ़ती है', कवयित्री तुषा शर्मा ने 'वक्त के साथ जो मुश्किल कोई टल जायेगी', डॉ। श्लेष गौतम ने 'उससे मिलने की कसक रहती है', विकास ने 'किसी खंजर से न तलवार से जोड़ा जाए' और पंकज प्रसून ने 'अभी वक्त है संभल जाइए, पिज्जा बर्गर से दूरी बनाइए' सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।