- ईडी ने जिला जज की अदालत में किया था पेश, अभद्रता के बाद बिफरे वकील

- कड़ी सुरक्षा में भेजा गया जेल, ईडी करेगी जेल में यादव ंिसह से पूछताछ

- कई संपत्तियों का पता लगाना बाकी, कई बेनामी संपत्तियों का लगा सुराग

LUCKNOW: घोटालों के इंजीनियर यादव सिंह के लिए लखनऊ आकर वकीलों से बदसलूकी करना भारी पड़ गया और कोर्ट परिसर के बाहर यादव सिंह व उनके समर्थक की वकीलों ने जमकर धुनाई कर दी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह यादव सिंह को कड़ी सुरक्षा में एंबुलेंस में लादकर जिला जेल भेजा। वहीं बदसलूकी करने वाले यादव सिंह के एक समर्थक को वकीलों के एक गुट ने घेर लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। किसी तरह पुलिस ने उसे भी वकीलों के शिकंजे से छुड़ाया।

बदसलूकी करने पर भड़के वकील

दरअसल यादव सिंह को सोमवार को गाजियाबाद की डासना जेल से लखनऊ लाया गया था। एयरकंडीशंड एंबुलेंस से राजधानी के जिला जज राजेंद्र सिंह की अदालत आए यादव सिंह के कई समर्थक भी वहां एकत्र हो गये थे। पेशी के बाद जैसे ही व्हील चेयर पर यादव सिंह को कोर्ट परिसर से बाहर लाया जाने लगा, कुछ फोटो जर्नलिस्ट उसकी तस्वीरें लेने लगे। इसी बीच कुछ वकीलों ने भी यादव सिंह से मुंह से रूमाल हटाकर चेहरा दिखाने को कहा जिस पर उसके एक समर्थक ने वकील और फोटो जर्नलिस्ट को गाली देते हुए धक्का मार दिया। इसके बाद वकील बेकाबू हो गये और उन्होंने यादव सिंह को कई थप्पड़ जड़ दिए, वहीं कुछ युवा वकीलों ने उसके समर्थक को साइकिल स्टैंड के पास घेरकर पीटना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से सकते में आई पुलिस फोर्स ने किसी तरह यादव सिंह को बचाते हुए एंबुलेंस में लादा और जिला जेल की ओर रवाना हो गयी। वहीं उसके समर्थक को वकील करीब पंद्रह मिनट तक पीटते रहे।

कोर्ट में भी छिपाए रहा चेहरा

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गये यादव सिंह से पूछताछ करने के लिए ईडी उसे आज गाजियाबाद से लखनऊ लाई थी। ईडी को यादव सिंह की काली कमाई का पता लगाने के अलावा उससे खरीदी गयी तमाम संपत्तियों को अटैच करना है। सुबह करीब 11.30 बजे जिला जज की कोर्ट में पेश होने के दौरान भी यादव सिंह अपना चेहरा छिपा रहा था। काले रंग का चश्मा और टोपी लगाने के साथ वह अपना चेहरा हाथों से ढका रहा। अदालत ने ईडी को यादव सिंह से जेल में तीन दिन पूछताछ करने की इजाजत दी तो उसे कड़ी सुरक्षा में बाहर लाया गया, लेकिन उसके समर्थक ने वकीलों से बदसलूकी कर दी जिसके बाद वहां का नजारा ही बदल गया। अब ईडी यादव सिंह से 28 फरवरी, एक और दो मार्च को जेल जाकर पूछताछ करेगी।

कई बेनामी संपत्तियों का पता लगाना बाकी

ईडी के सूत्रों की माने तो यादव सिंह ने अपनी काली कमाई से कई बेनामी संपत्तियां भी खरीदी हैं जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है। लखनऊ में यादव सिंह के आईएएस दामाद शशिभूषण लाल रहते हैं। सीबीआई ने उनके आवास पर भी छापेमारी की थी। वहीं ईडी को अंदेशा है कि यादव ंिसह ने अपने करीबियों के नाम पर कई जगहों पर बेशकीमती जमीनें खरीदी हैं। मालूम हो कि सीबीआई की जांच में यादव सिंह के नोएडा में 60 से ज्यादा रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्लॉट मिले थे। इसके अलावा नोएडा के एक मॉल में भी उसकी बड़ी हिस्सेदारी के प्रमाण िमले थे।

पहले जताया जा चुका है जान का खतरा

यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच के दौरान यह भी सामने आया था कि उसने कई राजनेताओं और अधिकारियो की काली कमाई को जमीनों में निवेश किया है। यादव सिंह के गिरफ्तार होने के बाद उसकी जान पर खतरे का अंदेशा भी जताया जा रहा था। यही वजह थी कि सोमवार को उसे कड़ी सुरक्षा में लखनऊ लाया गया था। ईडी के जिन अधिकारियों की मौजूदगी में उसे कोर्ट में पेश किया गया था, वह मारपीट होने से पांच मिनट पहले ही वापस चले गये थे।

पांच हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला

मालूम हो कि नवंबर 2014 में नोएडा के तीन अहम पदों पर काबिज यादव सिंह के सेक्टर 51 स्थित घर समेत बीस ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। इस दौरान बड़ी तादाद में नकदी, जेवरात, कई बैंक लॉकर, संपत्तियों के दस्तावेज व साठ से ज्यादा कंपनियों के रिकार्ड आयकर विभाग को बरामद हुए थे। आयकर विभाग को यादव सिंह के कई करीबियों के यहां से भी नकदी और कंपनियों के दस्तावेज मिले जिससे यह पता लगा कि यादव सिंह ने करीब पांच हजार करोड़ से ज्यादा की काली कमाई का साम्राज्य स्थापित कर रखा था। इन कंपनियों की निदेशक उसकी पत्‍‌नी थी। साथ ही यादव सिंह के घर से एक डायरी भी बरामद हुई थी जिसमें कई राजनेताओं और अधिकारियों के साथ करोड़ों रुपये के लेन-देन का जिक्र था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट की एसआईटी के सिपुर्द कर दिया गया। यादव सिंह प्रकरण की सीबीआई जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया और कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी। इसके बाद सीबीआई ने यादव सिंह की काली कमाई के सभी स्रोतों को खंगालना शुरु कर दिया। सीबीआई ने यादव सिंह और उसकी पत्‍‌नी कुसुमलता को गिरफ्तार भी कर लिया। इस प्रकरण में बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग के सुबूत मिलने पर ईडी ने भी जांच शुरू कर दी और यादव सिंह की संपत्तियां तलाशी जाने लगी।