लखनऊ (ब्यूरो)। आपने अक्सर देखा होगा कि डिवाइडर से टकराने के बाद वाहन तेजी से पलट जाता है, जिसकी वजह से वाहन में सवार लोगों की जिंदगी पर बन आती है। पर अब ऐसा नहीं होगा। ऐसी तकनीकी पर काम चल रहा है, जिसमें ऐसे डिवाइडर तैयार किए जा रहे हैैं, जिनसे टकराने के बाद कोई भी वाहन नहीं पलटेगा। इससे वाहन में सवार जिंदगियां सेफ रहेंगी।

रोलर क्रैश बैरियर किया तैयार

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन में सड़क निर्माण की नई तकनीक और रोड सेफ्टी को लेकर कई स्टाल लगाए गए हैं। इसमें रोड सेफ्टी में नवाचार करते हुए लुधियाना की कंपनी डार्क आई ने रोलर क्रैश बैरियर तैयार किया है। इसमें रबर से रोलर बैरियर बनाया गया है। डिवाइडर या मोड़ पर यह रोलर क्रैश बैरियर लगाया जाता है। जब भी कोई वाहन इस तरह के डिवाइडर से टकराता है तो रोलर तेजी से घूमकर वाहन को पलटने या गिरने नहीं देता। रोलर से टक्कर खाने के बाद वाहन सड़क पर सीधा ही रहता है। रोलर क्रैश बैरियर में लगे रबड़ से टक्कर के बाद भी वाहन को किसी तरह की क्षति नहीं होती है। कंपनी के डायरेक्टर सरबजीत ङ्क्षसह और हर्ष सिमरन ङ्क्षसह का कहना है कि महाराष्ट्र में इसे लगाया गया है। अब हिमाचल प्रदेश में भी लगाया जा रहा है। जहां भी ये डिवाइडर लगे हैं, वहां सड़क हादसों में कमी आई है। वाहन ऐसे जगह पर टक्कर खाकर सड़क के नीचे नहीं गिर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी रोलर क्रैश बैरियर के प्रति रुझान दिख रहा है। जल्द ही यहां की सड़कों के डिवाइडर पर भी ऐसे बैरियर दिखेंगे।

रोड निर्माण से रिलेटेड मशीनरी

आईजीपी में ही प्रदर्शनी भी लगी हुई है। जिसमें रोड निर्माण से रिलेटेड एक से बढ़कर एक आधुनिक मशीनें रखी गई हैैं। एक मशीन विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ये मशीन रोड कंस्ट्रक्शन एंड मेंटीनेंस में अहम रोल निभाती है। इतना ही नहीं, इस मशीनरी के माध्यम से रोड निर्माण का काम समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सकता है। इसी तरह हाईटेक ड्रोन भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस ड्रोन के माध्यम से रोड और सेतु निर्माण के दौरान क्वालिटी से लेकर निर्माण प्रगति के बारे में आसानी से जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके साथ ही ड्रोन को किस तरह से उड़ाया जाए, इसको लेकर ट्रेनिंग संबंधी जानकारी भी दी जा रही है। हाईवे इंजीनियरिंग से रिलेटेड मॉडल भी खासा पसंद किया जा रहा है। इस मॉडल के माध्यम से बताया जा रहा है कि किस तरह से रोड और हाईवे निर्माण के दौरान सेफ्टी संबंधी कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैैं।