लखनऊ (ब्यूरो)। तेलीबाग व उतरेठिया एरिया में रहने वाले लोग इन दिनों काफी परेशान हैैं। उनकी परेशानी की वजह है बंदरों का आतंक। स्थिति इतनी भयावह है कि ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में लोहे की जालियां और कंटीले तार लगवा लिए हैैं, ताकि वे बंदरों के हमले से बचे रहें। स्थानीय लोगों की कंपलेन के बाद वन विभाग ने बंदरों को पकडऩे का कई बार प्रयास भी किया, लेकिन कोई फायदा होता नहीं दिखा। अभी तक बंदरों के आतंक की स्थिति जस की तस बनी हुई है और लोग खौफजदा हैैं।

लंबे समय से है यह समस्या

स्थानीय लोगों की मानें तो लंबे समय से बंदरों ने उत्पात मचा रखा है। पहले इनकी संख्या कम थी लेकिन गुजरते वक्त के साथ इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। दिन हो या रात, हर समय बंदर झुंड में रहते हैैं और अचानक हमला कर देते हैैं। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस समस्या को दूर किया जाए।

छतों पर कर लेते हैं कब्जा

स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों का झुंड घरों की छतों पर कब्जा कर लेता है, जिसकी वजह से वे छत पर कपड़े सुखाने जैसे कामों के लिए नहीं जा पाते हैैं। इलाके में स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र भी हैैं, तो बच्चों और मरीजों पर भी खतरा मंडराता रहता है। बंदरों का झुंड छतों पर रखी पानी की टंकियां तक तोड़ देता है, जिससे बचने के लिए लोगों ने टंकी को कंटीले तारों से कवर कर दिया है।

लगवानी पड़ीं लोहे की जालियां

बंदरों का आतंक किस कदर है, इसकी झलक उतरेठिया जाकर देखी जा सकती है। बंदर बालकनी से घर के अंदर न घुसें, इसके लिए कई भवन स्वामियों की ओर से लोहे की जालियां लगवाकर बालकनी को पूरी तरह से कवर कर दिया गया है। कई भवन स्वामियों ने बालकनी में कांटेदार पेड़ों की झाडिय़ां फंसा दी हैैं, ताकि बंदर घर के अंदर न आएं। जिन मकानों में ये कवायद नहीं की गई है, वहां बंदर घर के अंदर प्रवेश कर जाते हैैं और जमकर उत्पात मचाते हैं।

घायल बंदर हैं ज्यादा बड़ा खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की ओर से बंदरों को पकडऩे के लिए कई बार कवायद की गई है। पिंजरे और फंदे से बचने की जद्दोजहद के दौरान कई बंदर घायल भी हो चुके हैैं। वे घायल बंदर अब और खतरनाक हो गए हैैं और लोगों पर अटैक भी कर देते हैैं।

सोशल मीडिया पर भी उठा मुद्दा

तेलीबाग में रहने वाले लोग बंदरों की समस्या को लेकर सोशल मीडिया पर भी आवाज उठा चुके हैैं। उन्होंने सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह से भी समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति तो उतरेठिया एरिया में है।

यह बात सही है कि बंदरों ने लंबे समय से इलाके में आतंक मचा रखा है। स्थिति इतनी खराब है कि घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। इस समस्या को जल्द दूर किया जाना चाहिए।

-जगदीश गुप्ता

बंदरों से बचने के लिए लोगों को घरों में लोहे की जालियां तक लगवानी पड़ी हैैं। बंदरों का झुंड अचानक से लोगों पर हमला कर देता है, जिसकी वजह से लोगों को चोट तक लग जाती है।

-नीरज मिश्रा

वन विभाग की ओर से बंदरों को पकडऩे के लिए प्रयास तो किए गए लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। इस समस्या को दूर करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने की जरूरत है।

-रामकिशन वर्मा

घनी आबादी वाला एरिया होने की वजह से हर कोई बंदरों से परेशान है। पहले इनकी संख्या कम थी लेकिन गुजरते वक्त के साथ इनकी संख्या काफी बढ़ गई है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

-अवधेश कुमार दीक्षित