लखनऊ (ब्यूरो)। पति-पत्नी की आपसी नोकझोंक का अंत किसी की जान जाने के बाद हो, यह ट्रेंड चिंता का सबब बनता जा रहा है। राजधानी में बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां छोटी-छोटी बातों को लेकर लोगों ने सुसाइड कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इनमें कभी पत्नी तो कभी पति ने मौत को गले लगाया। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले डेढ़ महीने में ही 15 से ज्यादा ऐसे केस सामने आ चुके हैं। लोग क्यों ऐसा कदम उठा रहे हैं? अचानक इस तरह के केस क्यों बढ़ गए हैं? लोग सुसाइड का रास्ता क्यों चुन रहे हैं? इस समस्या का हल क्या है? इन तमाम सवालों का जवाब तलाशते हुए पेश है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट

केस-1

गाजीपुर इलाके में छोटू कश्यप और पत्नी उषा के बीच झगड़ा हुआ था। पत्नी ने थाने में जाकर पति के खिलाफ शिकायत करने की धमकी दी तो पति ने आत्महत्या कर ली। बताया गया कि छोटू एक कार शोरूम के सर्विस सेंटर में काम करता था। शराब के नशे में छोटू घर पहुंचा तो पत्नी उषा से उसकी लड़ाई होने लगी। इसी बीच पत्नी थाने में जाकर पति को शिकायत करने की धमकी देकर घर से बाहर चली गई, जिससे नाराज पति ने आत्महत्या कर ली।

केस-2

हाल ही में राजाजीपुरम के एफ-ब्लॉक निवासी दंपती में विवाद हुआ। पत्नी विभा ने आत्महत्या करने को धमकी दी तो उसका पति हर्षित भारद्वाज मोबाइल से वीडियो बनाने लगा। इस बात से पत्नी और नाराज हो गई। उसने दरवाजा बंद किया और आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच में सामने आया कि पति पत्नी घटना वाले दिन सुबह ही झगड़ा कर थाने आए थे, लेकिन उन्हें समझा बुझा कर वापस भेज दिया गया, लेकिन फिर झगड़ा हुआ और पत्नी ने सुसाइड कर लिया।

केस-3

फैजुल्लागंज में अपने घर में एक महिला कांस्टेबल साक्षी वर्मा ने आत्महत्या कर ली। जांच में सामने आया कि साक्षी चौक पुलिस थाने में पोस्टेड थी, उसका पति रजनीश एक दिन पहले ही घर आया था। दोनो में झगड़ा होने लगा, जिसके बाद रजनीश घर से बाहर निकल गया। इसके बाद कांस्टेबल साक्षी ने घर में ही आत्महत्या कर जीवनलीला समाप्त कर ली।

एक-दूसरे को समझना जरूरी

ये तीनों घटनाएं तो सिर्फ बीते एक हफ्ते के भीतर हुई हैं, जिसे देख पुलिस और मनोचिकित्सक भी परेशान हैं। वे कहते हैं कि समाज के बदलाव के कारण आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में थोड़ा धैर्य किसी की जिंदगी बचा सकता है, लेकिन इसके लिए दोनों की तरफ से एक-दूसरे को समझना जरूरी है।

बच्चों पर पड़ रहा बुरा असर

मनोरोग विशेषज्ञ कहते हैं कि सुसाइड चाहे पति-पत्नी या फिर कोई भी करे, यह काफी चिंताजनक है। आजकल जिस तरह से पति-पत्नी सुसाइड कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन है। इसी वजह से घरेलू झगड़े बढ़ते हैं, जिसका असर पति-पत्नी के अलावा उनके बच्चों पर भी पड़ता है। आए दिन घरेलू झगड़े को देख बच्चा भी अपने माता-पिता से किनारा करने लगता है और कभी मोबाइल तो कभी गलत संगत में फंसता चल जाता है, जोकि एक माता-पिता के साथ-साथ उनके बच्चों का भी फ्यूचर खराब करता है।

झगड़े के बाद अकेला न छोड़ें

मनोरोग विशेषज्ञ कहते हैं कि पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता है, लेकिन याद रखें कि झगड़े के बाद कभी एक दूसरे को अकेला न छोड़ें। दरअसल, अकेला रहने वाला शख्स आवेश में रहता है और दुखी भी। जिस कारण वह गलत कदम उठा लेता है। इससे बचने का एक तरीका है। झगड़ा होने के बाद पति या पत्नी एक-दूसरे को अकेला न छोड़ें। हो सके तो कोई एक समझदारी दिखाते हुए वहां रुका रहे और बात करता रहे, ताकि सामने वाला शख्स आत्महत्या के बारे में न सोचे।

ऐसे रखें खुद को झगड़े से दूर

- एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं

- कोई दिक्कत होने पर पति या पत्नी से साझा करें

- किसी और की बातों में आकर मनमुटाव न करें

- अगर दोनों के बीच लड़ाई हो रही है तो एक शांत हो जाए

- लड़ाई-झगड़े के दौरान बच्चों पर बुरा असर होता है, उन्हें दूर रखें

- कोई भी कदम उठाने से पहले एक-दूसरे से शांत दिमाग से बात करें

- अगर साथ नहीं रहना है तो सुसाइड से अच्छा है कि अलग हो जाएं

अक्सर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहता है, लेकिन इसका सुसाइड इसका हल नहीं है। अगर किसी के साथ ऐसी समस्या हो रही है तो दोनों लोग आपस में बातचीत कर इसका समाधान निकालें, साथ ही एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें।

-डॉ। देवाशीष शुक्ला, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ, बलरामपुर चिकित्सालय