लखनऊ (ब्यूरो)। बलरामपुर अस्पताल में एमआरआई मशीन लगने का इंतजार अब खत्म होने वाला है, क्योंकि राजधानी समेत प्रदेश के नौ जिला अस्पतालों में यह मशीन लगाने की मंजूरी मिल गई है। इस फैसले से गंभीर मरीजों को इलाज में बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें बाहर से महंगी जांच कराने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा। हालांकि, जांच के लिए शुल्क कितना होगा, यह अभी तय नहीं किया गया है। नेशनल हेल्थ मिशन के जरिए यह मशीन लगाई जायेगी।

बाहर से नहीं करानी पड़ेगी जांच

बलरामपुर अस्पताल में तीन साल पहले एमआरआई मशीन लगाने की घोषणा की गई थी। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा एमआरआई भवन का शिलान्यास किया गया था। करीब 92 लाख के बजट से भवन का एक हिस्सा तैयार भी हो गया है, पर मशीन लगने का इंतजार लंबा होता जा रहा था। अस्पताल में रोजाना करीब 20 से 30 मरीजों को एमआरआई कराने की जरूरत पड़ती है। ये मरीज इमरजेंसी, ओपीडी में हड्डी, न्यरो व मेडिसिन विभाग के होते हैं। सीएमएस डॉ। जीपी गुप्ता के मुताबिक, एमआरआई भवन बनकर तैयार है। मशीन इंस्टाल होते ही रेडियोलॉजिस्ट का प्रशिक्षण देने समेत दूसरे काम जल्द किये जाएंगे ताकि मरीजों को इस जांच का लाभ जल्द मिल जाए। अब यहां के मरीजों को एमआरआई जांच के लिए दूसरे अस्पताल व निजी डायग्नोस्टिक सेंटर नहीं जाना पड़ेगा और गंभीर मरीजों का जल्द से जल्द इलाज किया जा सकेगा।

इन जिलों को भी मिलेगी सौगात

लखनऊ के अलावा एमआरआई मशीन प्रदेश के कुल 9 जिला अस्पतालों में लगाई जायेगी, जिसमें गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, गोंडा, सहारनपुर, बांदा, आजमगढ़ व मुरादाबाद शामिल हैं। इसके लिए मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने मेडिकल कारपोरेशन लिमिटेड को एमआरआई मशीन खरीदने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 13.55 करोड़ रुपये प्रति एमआरआई मशीन के हिसाब से नौ मशीन के लिए 121.95 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।