लखनऊ (ब्यूरो)। कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की कैसरबाग स्थित कोर्ट में बुधवार दोपहर पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि एक दो साल की बच्ची और एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। जिनकी हालत नाजुक बनी हुई है। हमलावर वकील के वेशभूषा में कोर्ट रूम में घुसा और ताबड़तोड़ पांच गोलियां बरसाकर वारदात को अंजाम दिया। हालांकि वारदात के बाद मौके पर मौजूद वकीलों ने आरोपियों का धर दबोचा और जमकर उसकी पिटाई कर दी। पकड़े गए आरोपी की पहचान जौनपुर के रहने वाले विजय यादव उर्फ आनंद यादव के रूप में हुई है।

7 साल पुराने केस में हो रही थी सुनवाई

वारदात बुधवार दोपहर 3.52 बजे की है। कैसरबाग स्थित विशेष न्यायधीश नरेन्द्र कुमार की एससीएसटी कोर्ट में गोमती नगर थाने में 2016 में दर्ज हत्या का प्रयास और एससीएसटी केस में संजीव जीवा की सुनवाई चल रही थी। इस बीच वकील की ड्रेस में आरोपी और आया नाइन एमएम की पिस्टल से जीवा पर गोलियां बरसा दीं। दो गोली जीवा को लगी, जबकि सुरक्षा में तैनात सिपाही लाल मोहम्मद को एक गोली पैर लगी। वहीं, एक अन्य केस में सुनवाई के लिए अपने माता-पिता के साथ आई डेढ़ साल की लक्ष्मी को एक गोली लगी। वारदात के बाद आरोपी कोर्ट रूम से भागने लगा, तभी वहां मौजूद वकीलों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। आरोपी के कब्जे से एक नाइन एमएम की पिस्टल बरामद हुई है।

हमलावर पहले से था मौजूद

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि संजीव जीवा को पुलिस कस्टडी में लेकर एससी/एसटी कोर्ट पहुंची थी। वहां पहले से मौजूद हमलावर ने तुरंत उस पर फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से जीवा जमीन पर गिर गया। पुलिस जीवा संग फायरिंग में घायल तीन लोगों को बलरामपुर अस्पताल ले गई। जहां जीवा को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं दो साल की बच्ची लक्ष्मी को हालत गंभीर होने पर ट्रॉमा भेजा गया। पुलिसकर्मी लाल मोहम्मद और भगदड़ के दौरान जख्मी हुए कमलेश नाम के व्यक्ति का इलाज बलरामपुर में इलाज चल रहा है।

वकील और पुलिसकर्मियों में झड़प

आरोपी को लेकर जैसे ही पुलिसकर्मी जाने लगे, वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा और उनकी पुलिस से झड़प हो गई। कई पुलिसवालों को गेट से बाहर करके गेट बंद कर दिया गया, जिससे मामला बढ़ गया और पथराव होने लगा। इस पथराव से एसीपी चौक सुनील कुमार का सिर फूट गया। पुलिस जीप का शीशा भी टूट गया। मामला बढऩे पर पुलिस कमिश्नर पियूष मोर्डिया समेत अन्य आला अधिकारी पहुुंचे और किसी तरह से मामला शांत करवाया। देर रात तक कोर्ट के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात रहा।

सुरक्षा के दावों की खुली पोल

कोर्ट परिसर के गेट पर काफी संख्या में पुलिसबल तैनात रहता है। बावजूद इसके आरोपी पुलिस को चकमा देकर परिसर में दाखिल हुआ और उसने इस घटना को अंजाम दिया। वकीलों का कहना है कि कोर्ट परिसर में गोलियां चल रही हैं। पुलिस मोबाइल पर ही लगी रहती है। कौन अंदर जा रहा है, इससे पुलिस को कोई मतलब नहीं है। चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।

सीएम के आदेश पर एसआईटी गठित

घटनाक्रम का जायजा लेने के लिए डीएम सूर्यपाल गंगवार भी मौके पर पहुंचे। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ इस पूरे घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एडीजी मोहित अग्रवाल की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

कौन था जीवा

- मूलरूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला संजीव जीवा काफी समय से लखनऊ जेल में बंद था।

- जीवा शुरुआती दिनों में एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था और अपने ही मालिक का अपहरण कर रंगदारी मांगी थी।

- कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर फिरौती में दो करोड़ रुपए की मांग की।

- उसका नाम हरिद्वार की नाजिम गैंग और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ भी जुड़ा।

- जीवा का नाम 1997 में भाजपा के वरिष्ठ नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी आया था।

- इस केस में जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, इसके बाद वह मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया।

- मुख्तार अंसारी के साथ जुड़कर यह उसके गैंग के लिए हथियार जुटाने का काम करने लगा।

- भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी जीवा का नाम सामने आया था।

- हाल ही में उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी और इन दिनों वह लखनऊ के जेल में सजा काट रहा था।

हमलावर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी पूछताछ चल रही है। संजीव जीवा को मारने के पीछे क्या मकसद था, इसकी पूछताछ हो रही है।

- उपेन्द्र कुमार अग्रवाल, जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर

आखिर क्यों नहीं पहनी बुलेट प्रूफ जैकेट?

जीवा की हत्या सवालिया घेरे में हैं। जीवा को बुलेट पू्रफ जैकेट में अदालत में पेश किए जाने के आदेश थे, लेकिन उसे बिना जैकेट के अदालत में पेश किया गया। जीवा के वकीलों का कहना है कि जीवा समेत अन्य बड़े अपराधियों को भी बुलेट प्रूफ जैकेट में ही अदालत में पेश किया जाता था, लेकिन बुधवार को बिना बुलेट प्रूफ जैकेट में अदालत में लाया गया। जिससे आरोपी ने आसानी ने वारदात को अंजाम दे दिया।

मुंबई से तीन महीने पहले आया आरोपी

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी जौनपुर के केराकत निवासी विजय यादव ने बीकॉम किया हुआ है। वह कई महीने से मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। तीन महीने पहले ही वह मुंबई से वापस अपने घर आया और फिर वापस नहीं गया। आरोपी के परिजनों ने अपने बयान में बताया कि बेटा विजय कभी कोई अपराधिक मामलों नहीं आया है। वह बहुत सीधा साधा है, उसने ऐसा क्यों किया है, कुछ नहीं पता। वहीं, पुलिस अब आरोपी से हत्या के मकसद के बारे में पूछताछ में जुटी हुई है।

दो घायल अस्पताल में भर्ती

सिविल कोर्ट में हुई गोलीकांड में कई लोग घायल हुए है। जिनको बलरामपुर इमरजेंसी में इलाज के लिए ले जाया गया। सीएमएस डॉ। जीपी सिंह ने बताया कि बच्ची के लंग्स में गोली फंसी है। जिसके बाद उसे केजीएमयू ट्रामा के लिए रेफर कर दिया गया है। वहीं, दो घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। जिनकी निगरानी डॉक्टर्स की टीम कर रही है।

बच्ची को आईसीयू में शिफ्ट किया

केजीएमयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ। संदीप तिवारी ने बताया कि हादसे में घायल एक बच्ची को भर्ती किया गया है। बच्ची की उम्र करीब डेढ़ साल है। बच्ची के चेस्ट में गोली फंसी है। जिसकी वजह से छेद में से हवा निकल रही थी। ऐसे में चेस्ट में नली लगाई गई है। बच्ची को तुरंत पीडियाट्रिक आईसीयू में शिफ्ट कराया गया है। फिलहाल बच्ची की स्थिति तनावपूर्ण लेकिन कंट्रोल में है। एक्सपर्ट डॉक्टरों का पैनल द्वारा बच्ची का इलाज किया जा रहा है। शरीर में फंसी गोली निकालने को लेकर बच्ची की कंडिशन के अनुसार फैसला लिया जायेगा। वहीं, एक और महिला आई है जिसके हाथ में हल्की चोट लगी है।