वाराणसी (ब्यूरो)18वीं लोकसभा के लिए हो रहे इलेक्शन में इस बार भी पूर्वांचल में कई ऐसे बाहुबली हैं, जो जेल में बंद होने के बावजूद अप्रत्यक्ष रूप से दखल दे रहे हैं और जेल में रहकर चुनाव में अपने करीबियों को जिताने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैंइस बीच जौनपुर से बसपा कैंडिडेट ने यह कहकर राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है कि मेरे पति जेल से बाहर होते तो चुनाव का नजारा कुछ और होतापूर्वांचल के कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने जेल में रहते हुए प्रेशर बनाकर पॉलिटिक्स की और चुनाव लड़ेचुनावी लड़ाई में वे कभी जीते तो कभी हारेइनमें सबसे बड़ा नाम बाहुबली मुख्तार अंसारी का थाउनके भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैंइसके अलावा अतीक अहमद ने भी वाराणसी लोकसभा सीट से ताल ठोंकी थी तो जेल के अंदर से बाहुबली धनंजय सिंह, बृजेश सिंह व उमाकांत यादव समेत कई ने चुनाव में दमखम दिखाया

1. अतीक ने मोदी के खिलाफ जेल से लड़ा था चुनाव

2019 में अतीक अहमद ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा थाउसे 833 मत मिले थेवर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद थाउसने घोषणा की थी कि वह पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ेगाउसके प्रतिनिधि ने वाराणसी आकर उसका नामांकन पत्र दाखिल कर दिया थाउसका मानना था कि बनारस के मिश्रित आबादी वाले इलाके में उसे अच्छा समर्थन मिलेगाउसे उम्मीद थी कि कोई राजनीतिक दल भी उसे अपना समर्थक और सिंबल दे सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआचुनाव लडऩे के लिए अदालत से उसे पेरोल भी नहीं मिल सकीहालांकि, इसके बाद अतीक चुनाव मैदान से हटना चाहता था, लेकिन तब तक देर हो चुकी थीउसका नामांकन पत्र वापस नहीं हो सकाा था

2. जेल से मुख्तार ने मुरली मनोहर जोशी को दी थी टक्कर

मुख्तार अंसारी की धमक गाजीपुर और मऊ जनपद के राजनीतिक गलियारे में ही नहीं थी बल्कि उसने अपनी मजबूत पकड़ वाराणसी में भी 2009 लोकसभा चुनाव में दिखाई थीतब भाजपा के दिग्गज नेता डॉमुरली मनोहर जोशी मुख्तार अंसारी से 17,211 वोटों से जीते थेचुनाव में जहां डॉमुरली मनोहर जोशी को 2,03122 मत वहीं मुख्तार अंसारी को 1,85,911 वोट मिले थेभाजपा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट गंवा दी थीभाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल को कांग्रेस प्रत्याशी डॉराजेश मिश्रा ने हरा दियाअपनी सीट वापस पाने के लिए भाजपा ने मैदान में इलाहाबाद के सांसद रहे व भाजपा के दिग्गज नेता डॉमुरली मनोहर जोशी को इस सीट से उताराडॉजोशी के प्रत्याशी बनते ही यह सीट प्रदेश की हॉट सीट बन गई तो बसपा ने जेल में बंद मुख्तार अंसारी को प्रत्याशी बनाकर देश-दुनिया की नजर में चढ़ा दियाडॉमुरली मनोहर जोशी को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज तत्कालीन भाजपा नेता अजय राय को सपा ने टिकट देकर बड़ा दांव खेला.

3. जेल से बृजेश सिंह ने लड़ा एमएलसी का चुनाव

बृजेश सिंह ने शाहजहांपुर जेल में रहते हुए तीन मार्च को हुए निर्दलीय एमएलसी का चुनाव लड़ा थापरिणाम आने से पहले उनको सहारनपुर जेल शिफ्ट किया गया थाबतौर निर्दलीय प्रत्याशी बृजेश सिंह ने उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की मीना सिंह को 1984 मतों से पराजित किया थाबृजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थीइस सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा थामाना जाता रहा है कि बीजेपी ने बृजेश सिंह के परोक्ष समर्थन में अपना एमएलसी प्रत्याशी नहीं उतारा थायहां से शिकस्त झेलने वाली सपा प्रत्याशी मीना सिंह विधायक मनोज सिंह डब्लू की बहन हैंमनोज सिंह ने बृजेश सिंह को चंदौली जिले के सैयदराजा से विधानसभा के चुनाव में हराया था

4. जेल में रहकर उमाकांत ने केशरीनाथ को दी शिकस्त

वर्ष 2004 में 14वीं लोकसभा का चुनाव मछलीशहर संसदीय क्षेत्र के लिए बड़ा ही दिलचस्प रहाउस समय प्रतापगढ़ जनपद का पट्टी व बीरापुर (अब रानीगंज) जौनपुर जिले के मछलीशहर संसदीय क्षेत्र में ही आता थाजहां एक तरफ भाजपा के दिग्गज नेता केशरीनाथ त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे थे तो दूसरी तरफ सपा से निवर्तमान सांसद सीएन सिंह मैदान में थेइसी चुनाव में बसपा ने उमाकांत यादव को मछलीशहर से उतारा थाउमाकांत यादव उस समय जेल की सलाखों के पीछे थेजेल की सलाखों के पीछे रहकर उमाकांत यादव ने जीत दर्ज की थीउमाकांत के जेल में होने के कारण उस समय उनका प्रचार करने के लिए पार्टी के पदाधिकारी गांव-गांव घर-घर पहुंच रहे थेप्रचार के लिए बसपा वालों ने उमाकांत को सलाखों के पीछे खड़ा करके एक पोस्टर छपवा कर जगह-जगह चिपका कर लोगों की सहानुभूति बटोरने का प्रयास किया था। 2004 के चुनाव में 2,37,438 मत पाकर उमाकांत विजयी घोषित हुएउस समय सपा प्रत्याशी सीएन सिंह (चंद्रनाथ सिंह) 1,82,056 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहेतीसरे स्थान पर भाजपा के दिग्गज नेता केशरीनाथ त्रिपाठी रहे, उन्हें 170939 मत मिले थे

5. जेल में रहकर धनंजय जीते चुनाव

जौनपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 2020 के अपहरण के एक मामले में कथित बाहुबली नेता और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सज़ा सुनाने के बाद जेल भेज दिया हैइसके बाद बसपा ने उनकी पत्नी को जौनपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया हैवर्ष 2002 में जेल के अंदर से पहली बार विधायक बने और 41 आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद बाहुबली नेता धनंजय सिंह के जेल जाने से जौनपुर का लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है। 2002 में धनंजय सिंह ने जौनपुर की रारी विधानसभा सीट पर जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा थाबताते हैं कि उनकी मां ने भी वोट मांगे थे.