तू है जगदम्बे काली

- आदिशक्ति की विदाई पर भक्तों में दिखा जोश

- मूर्ति विसर्जन से पहले राजधानी के विभिन्न इलाकों में निकली शोभा यात्रा

LUCKNOW: जिधर देखो, उधर ही अबीर-गुलाल उड़ रहा था। कहीं धुनुचि नृत्य तो कहीं सिंदूर खेला में भक्त सराबोर रहे। हजारो वॉट के म्यूजिक पर बज रहे भक्ति गीतों पर श्रद्धालु मां की मूर्ति के सामने नृत्य करते दिखाई पड़े। मां की विशालकाय प्रतिमाओं के दर्शनों के लिए कई जगह रोड साइड भीड़ भी लगी रही। दुर्गा पूजा विसर्जन से पहले राजधानी के विभिन्न इलाकों में यह नजारा दिखाई पड़ा। इस दौरान करीब 113 कमेटियों ने मूर्ति विसर्जन किया।

सुबह से ही जुटने लगी भीड़

राजधानी में दुर्ग पूजा के बाद बीते शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गोमती नदी में मूर्ति विसर्जन किया गया। गोमती किनारे पर बने घाटों पर मूर्ति विसर्जन के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही लगनी शुरू हो गई। हजरतगंज से गोमती नदी की तरफ जाने वाले मार्ग पर सुबह से मूर्तियों का आना शुरू हो गया जो कि देर शाम तक जारी रहा। बंगाली क्लब में सिंदूर खेला में भक्तों ने खूब मस्ती की। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को जमकर रंगा। वहीं लाटूश रोड दुर्गा पूजा में भक्तों ने जमकर अबीर गुलाल उड़ाया। मवैया, आलमबाग, अलीगंज में आयोजित हुई दुर्गा पूजा में भी विसर्जन से पहले भक्तों ने अबीर गुलाल उड़ाया। मूर्ति विसर्जन के दौरान भक्त जिस गली से भी मां की प्रतिमा लेकर निकलते श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगती। रास्ते भर भक्त लोगों को प्रसाद बांटते चल रहे थे। कहीं पूड़ी हलवा तो कहीं चना और बताशे बांटे गए। ढोल नगाड़ों की आवाज और जय माता दी के जयकारों से राजधानी गूंज उठी।

सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद रहे गोताखोर

मूर्ति विजर्सन के लिए शासन ने खासे इंतजाम कर रखे थे। गोमती नदी के दोनों तटो पर सुरक्षा कर्मी ही नहीं बल्कि गोताखोर भी तैनात किए गए थे। इसके अलावा मूर्ति विसर्जन से पूर्व गोमती का साफ रखने के लिए भी यहां पर कई गडढे खोदे गए थे जिनमें सिंथेटिक और कई अन्य आइटम डाले गए। मूर्तियों का विसर्जन गोमती के बीच में किया गया। गोमती नदी में भी विसर्जन के दौरान भी अलग ही नजारा दिखा। नाव पर मूर्ति रखकर बीच में जाने के बाद जैसे मां दुर्ग की प्रतिमा पानी में विसर्जन के लिए डाली जाती तो दूसरी तरफ से मां के जयकारे गूंजने लगते।