- 4500 स्टूडेंट्स को होना है शामिल

- 6 सितंबर तक चलेगा एग्जाम

- 9 केंद्र बनाए गए एग्जाम के लिए

- 3 ही केंद्र पर हुआ बीआर्क एग्जाम

- जेईई मेंस में पूछा गया आईआईएम का इंफ्रास्ट्रक्चर किसने डिजाइन किया

-पहले दिन नौ केंद्रों में महज तीन पर हुई बीआर्क का एग्जाम

- बीआर्क की एग्जाम में आर्किटेक्चरल डिजाइन से पूछे गए सवाल

LUCKNOW : देश में कोरोना वायरस को लेकर जेईई मेन्स के एग्जाम को रद करने की मांग के बीच मंडे से एग्जाम अपने तय समय पर शुरू हुआ, जहां कोरोना के डर से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने एग्जाम छोड़ दिया, वहीं पहले दिन एग्जाम को लेकर असमंजस की स्थिति दिखाई दी। आठ केंद्रों में से केवल तीन केंद्र पर ही एग्जाम हुआ। इसकी सूचना जिलाप्रशासन तक को नहीं थी, कृष्णा नगर के केंद्र पर एग्जाम कराने की जिम्मेदारी संभाल रहे सहायक निदेशक बचत अनिल जोशी तक केंद्र से वापस लौटे। वहीं ओमेक्स सिटी में सर्वर डाउन होने की वजह से स्टूडेंट्स को खासी दिक्कत उठानी पड़ी। इसके अलावा एग्जाम केंद्र के दूर-दराज होने के कारण वहां तक पहुंचने में अभ्यर्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

केंद्रों पर इंटरनेट को लेकर परेशान हुए स्टूडेंट्स

जेईई मेन्स के एग्जाम के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने एग्जाम कराने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी टीसीएस को सौंपी है। मंगलवार सुबह नौ बजे से एग्जाम की शुरुआत की जानी थी। 6 सितंबर तक चलने वाली एग्जाम में करीब 4500 स्टूडेंट्स का शामिल होना प्रस्तावित है। आयोजकों की ओर से मंगलवार को पहले दिन एग्जाम को लेकर असमंजस्य की स्थिति बनी रही। खरगापुर में बने मेट्रो इन्फो सॉल्यूशन समेत कई केंद्रों पर एग्जाम नहीं हुआ, वहीं ओमेक्स सिटी के पास बनाए गए केंद्र पर एग्जाम का आयोजन किया गया। प्रभारी अधिकारी उपजिलाधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी ने बताया कि शुरुआत में इंटरनेट कनेक्शन को लेकर कुछ परेशानी हुई थी। वहीं अगर जानकारों की मानें तो, कुछ केंद्रों पर बुधवार से एग्जाम होगा।

यहां 102 स्टूडेंट्स ने छोड़ा एग्जाम

जेईई मेन को लेकर आए दिन हो रहे बवाल के बीच पहले दिन स्टूडेंट्स की उपस्थिति पर हर किसी की निगाहें थीं। उपस्थिति पर इसका असर भी दिखा। आजाद कैंपस आजादपुरम सीआरपीएफ कैंप बिजनौर स्थित ईऑन डिजिटल जोन केंद्र पर पहली पाली में 233 स्टूडेंट्स को शामिल होना था, लेकिन 131 स्टूडेंट्स ही शामिल हुए। 102 स्टूडेंट्स ने एग्जाम छोड़ दिया।

पूछे गए आसान सवाल

जेईई मेंस एग्जाम में शामिल हुए स्टूडेंट्स ने बताया कि एग्जाम पैटर्न जनवरी के तुलना में इस बार आसान रहा। सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट एग्जाम केंद्र से एग्जाम देकर निकले आनंद ने बताया कि एप्टिट्यूड टेस्ट 200 मा‌र्क्स का आया। ड्राइंग 100 मा‌र्क्स और मैथ्स 100 मा‌र्क्स का था। आर्किटेक्ट का एग्जाम थी इसलिए अधिकांश सवाल आर्किटेक्ट डिजाइन से ही जुड़े पूछे गए। जैसे पेरिस की एक मशहूर बिल्डिंग को किसने डिजाइन किया आदि। स्टूडेंट्स का कहना है कि पिछली बार की तुलना में इस बार पेपर का पैटर्न सामान्य रहा। स्टूडेंट्स ने कयास लगाए थे कि कोरोना कोविड 19 से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन इससे संबंधित कोई भी प्रश्न नहीं आए।

केंद्र से दूरी ने रुलाया

जेईई मेन्स के एग्जाम के लिए बनाए गए सेंटर शहर से काफी दूर होने की वजह से स्टूडेंट्स को वहां पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। महानगर से बिजनौर स्थित एग्जाम केंद्र पर पहुंची रिचा और सौरभ ने बताया कि केंद्र के बारे में सही जानकारी नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़े इसलिए वो तीन घंटे पहले ही केंद्र पर पहुंच गए थे। वहीं कई स्टूडेंट्स ने बताया कि केंद्र तक सार्वजनिक साधन न मिलने से काफी दिक्कत उठानी पड़ी।

समय पर नहीं खुले एग्जाम केंद्र

स्टूडेंट्स ने बताया कि एग्जाम केंद्रों पर एग्जाम शुरू होने से करीब दो घंटे पहले पहुंचना था, लेकिन कई केंद्रों पर 8:30 बजे तक ताला लटका रहा। केवल कुछ ही देर पहले केंद्र खुलने पर स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। बता दें कि जेईई मेन के लिए राजधानी में नौ केंद्र बनाए गए हैं। मंगलवार को पहले दिन बैचलर ऑफ आर्किटेक्ट (बीआर्क) के एग्जाम तीन केंद्रों पर हुए। पहली पाली की एग्जाम सुबह 9 से 12 बजे तक और दूसरी पाली 3 बजे से शाम 6 बजे के मध्य हुई।

इन केंद्रों पर हुए जेईई के एग्जाम

-ईऑन डिजिटल जोन ओमेक्स सिटी बिजनौर रोड

-ईऑन डिजिटल जोन आजादपुरम, आजाद नगर चंद्रावल बंगला बाजार रोड

-ईऑन डिजिटल जोन सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, निकट आईआईएम प्रबंध नगर मुबारकपुर सीतापुर हरदोई बाईपास रोड

सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर सेनेटाइजेशन तक की रही दुरुस्त व्यवस्था

कोरोना संक्रमण काल के दौरान एग्जाम केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग , सेनेटाइजेशन, मास्क आदि की व्यवस्था चाक-चौबंद दिखाई दी। एग्जाम केंद्र पर प्रवेश के दौरान हर स्टूडेंट्स को सेनेटाइज करने से लेकर मास्क आदि भी उपलब्ध कराए गए। प्रवेश के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखने के लिए केंद्रों के बाहर एक मीटर की दूरी पर गोले बने थे। उन्हीं गोलों पर खड़े रहने वाले स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया जा रहा था। केंद्र पर पहचान पत्र चेक करने वाले कर्मी भी फेस मास्क और ग्लब्ज से लैस थे। केंद्रों की व्यवस्था से स्टूडेंट्स भी संतुष्ट दिखाई दिए। कहा जा सकता है कि जेईई मेन को लेकर नेशनल टे¨स्टग एजेंसी की ओर से किए गए दावे हकीकत में भी नजर आए। हालांकि केंद्रों तक पहुंचने (सार्वजनिक साधन मुहैया कराने) को लेकर एनटीए की ओर से किए गए दावे खोखले नजर आए।

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जेईई मेन के सवालों में रहा लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा

बड़ा इमामबाड़ा कहां है? आईआईएम का इंफ्रास्ट्रक्चर किसने डिजाइन किया था? इक्वलिटी का क्या रंग है? जैसे मृत्यु का काला रंग। ईट की वास्तविक चौड़ाई क्या है? कुछ ऐसे ही सवाल जेईई मेन में पूछे गए थे। सवालों के जवाब दिए गए विकल्प में से चुनना था। जिस अभ्यर्थी को सवाल का सही उत्तर नहीं मालूम था वह उसे छोड़ भी सकता था। एग्जाम देकर निकले एमएन सिजाज खान ने बताया कि आर्किटेक्ट की परीक्षा थी इसलिए अधिकांश सवाल आर्किटेक्ट डिजाइन से ही जुड़े थे। मसलन पेरिस की एक मशहूर बि¨ल्डग को किसने डिजाइन किया। परिणीति गौर ने बताया कि समानता से जुड़े सवाल भी पूछे गए थे।