लखनऊ (ब्यूरो)। इस बार बारिश में राजधानी के इलाकों में जलभराव न हो, इसके लिए नगर निगम प्रशासन की ओर से हर साल की तरह नाला सफाई शुरू करा दी गई है। इसके लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है और नाले भी चिन्हित कर लिए गए हैैं, लेकिन नाला सफाई कार्य ने रफ्तार पकड़ी ही है और गड़बडिय़ां भी मिलनी शुरू हो गई हैैं। जिसके चलते कई नालों की सफाई फिर से कराए जाने का निर्णय लिया गया है।

कुल 1862 नाले हैैं राजधानी में

राजधानी में करीब 1862 नाले चिन्हित किए गए हैैं, जिनकी सफाई होनी है। बड़े नालों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम के आरआर विभाग के पास है। बड़े नालों की सफाई के लिए मशीनों की मदद ली जा रही है। बड़े नालों में मुख्य रूप से हैदर कैनाल नाला, बरदानी मंदिर नाला एवं सिरकटा नाला मुख्य रूप से शामिल हैं, जबकि एक हजार से अधिक मध्यम नाले शामिल हैैं।

लगातार मिल रही गड़बड़ी

अभी तक तीनों बड़े नालों की सफाई कराई जा चुकी है और तीनों में ही गड़बड़ी मिली है। यह गड़बड़ी खुद मेयर संयुक्ता भाटिया की ओर से पकड़ी गई है। मेयर के निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ था कि तीनों नालों में प्रॉपर मशीन नहीं चलाई गई है। इसके बाद ही तीनों बड़े नालों हैदर कैनाल नाला, बरदानी मंदिर नाला एवं सिरकटा नाला की फिर से सफाई कराए जाने का निर्णय लिया गया है। वहीं, रविवार को भी मेयर ने ऐशबाग के रामनगर और पीली कॉलोनी में नाला सफाई कार्य का निरीक्षण किया। मेयर के निर्देश पर रामनगर कॉलोनी स्थित नाले में लकड़ी डालकर सिल्ट की स्थिति पता लगाई गई, जिसमें एक से दो फिट सिल्ट मिली। इस पर स्थानीय अवर अभियंता को तलब किया।

निकालने के बावजूद मिली सिल्ट

नाला सफाई का स्तर क्या है, यह हकीकत पीली कॉलोनी में सेंट्रल पार्क के पास बने नाले में सामने आ गई। यहां नाला सफाई का कार्य पूरा हो चुका है और सिल्ट निकाले जाने का दावा किया गया था, पर नाले में सिल्ट जमा मिली। मेयर ने दोबारा नाला साफ कराने के निर्देश दिए।

इस बार बजट नहीं पड़ेगा कम

नाला सफाई के लिए तीन करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। यह बजट शहर सरकार की ओर से दिया गया है, जबकि 15वें वित्त से भी करीब 5 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। अगर उक्त राशि मिलती है तो करीब आठ करोड़ रुपये से नाला सफाई का कार्य होगा। पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार नाला सफाई का बजट भी बढ़ाया गया है।