- करीबियों पर गहराया शक, शूटरों की तलाश तेज

- गृह मंत्रालय को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने दी घटना से जुड़ी जानकारियां

- आतंकियों का हाथ होने की संभावना को लगातार नकार रही पुलिस

LUCKNOW: एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या के मामले में यूपी पुलिस को चौथे दिन भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी। पुलिस दो अलग-अलग दिशाओं में काम कर रही है। स्थानीय पुलिस और एसटीएफ को तंजील के करीबियों की पड़ताल में लगाया गया है, तो वहीं दूसरी ओर एटीएस इस मामले का आतंकी कनेक्शन खंगाल रही है। बुधवार को एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने दिल्ली जाकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों को विवेचना की प्रगति से अवगत कराया। बाद में उन्होंने कहा कि यह हत्या निजी रंजिश की वजह से हुई।

बागपत, बुलंदशहर में छापेमारी

एडीजी दलजीत सिंह चौधरी द्वारा मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करने के बाद जांच तेज हो गयी। पुलिस ने शूटरों की तलाश में बागपत, बुलंदशहर समेत पश्चिमी उप्र के कुछ जिलों में छापेमारी की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों शूटरों की शिनाख्त की जा चुकी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठने की उम्मीद है। वहीं घटनास्थल से बटोरे गये ब्लड सैंपल, कारतूस के खोखे और डीएनए सैंपल राजधानी स्थित फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेज दिये गये हैं। पन्द्रह दिन के भीतर इनकी जांच रिपोर्ट तैयार करके बिजनौर पुलिस के सुपुर्द कर दी जाएगी। वहीं मंगलवार को जिन दो संदिग्धों के फोटोग्राफ सामने आये थे, उनकी शिनाख्त भी हो गयी है। इनमें से एक तंजील के गांव में रहता है जबकि दूसरा शादी समारोह में आये हलवाई का कारीगर था।

एनआईए कर रही अपने तरीके से जांच

पूरे मामले में एनआईए के अधिकारियों ने अचानक चुप्पी साध ली है। माना जा रहा है कि एनआईए पूरे मामले की तहकीकात अपने तरीके से कर रही है। पुलिस दावों से इतर जाकर आतंकी कनेक्शन का हर पहलू भी खंगाला जा रहा है। इसमें यूपी एटीएस भी एनआईए का सहयोग कर रही है। फिलहाल घटना में आतंकी कनेक्शन का कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है, किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी भी नहीं ली है।