लखनऊ (ब्यूरो)। माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम की नकली किताबें बेचे जाने का भंडाफोड़ होने के बाद विभाग की नींद टूटी है। अब जुलाई खत्म होने को है तब जाकर सरकारी किताबों का स्टॉल लगाकर वितरण करने का निर्णय लिया गया है। स्टॉल पर सरकारी मूल्य पर किताबें उपलब्ध रहेंगी। डीआईओएस राकेश पांडेय ने बताया कि प्रकाशकों की ओर से किताबों का स्टॉल 28 से 30 जुलाई, तीन दिनों तक राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में लगाया जायेगा। यहां से छात्र अपने अभिभावकों के साथ आकर किताबें प्राप्त कर सकते हैं।

अब लगातार कसेगा शिकंजा

बता दें कि कई किताबों की दुकान पर यूपी बोर्ड की किताबें कवर बदलकर महंगे दामों पर बेची जा रही थीं। इस संबंध में डीआईओएस की ओर से अमीनाबाद की एक दुकान पर छापेमारी भी की गई। जिसके बाद अब सरकारी किताबों को छापने वाले प्रकाशकों को स्टॉल लगाकर पुस्तकें मुहैया कराने का आदेश दिया गया है। स्टॉल पर कैला जी बुक्स प्रा। लि हॉस्पिटल रोड, पीतांबरा बुक्स प्रा। लि। औद्योगिक क्षेत्र बिजली झांसी और डायनामिक टेक्स्ट बुक्स प्रिंटर्स की ओर से छपी किताबों को ही मान्य किया गया है। वहीं, नकली किताबें बेचने वालों पर अब लगातार शिकंजा कसेगा।

स्टॉल पर उपलब्ध रहेगी रेट लिस्ट

डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि स्टॉल पर किताबों के साथ-साथ रेट लिस्ट भी उपलब्ध रहेगी। अभिभावक उस सूची से दाम देखकर स्टॉल पर किताबें ले सकेंगे। डीआईओएस ने बताया कि स्टॉल पर हर विषय की किताबें होंगी। यहां कक्षा नौ से 12 तक की किताबों के सेट मिलेंगे। किताबों के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद सचिव परिषद दिब्यकांत शुक्ला ने भी सक्रियता दिखाई है। सचिव ने सभी डीआईओएस को आदेश दिया है कि वे किताबों की कालाबाजारी रोकें और नकली किताबें बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज करायें।