लखनऊ (ब्यूरो)। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स 10 साल की जगह 5 साल का करने जा रहा है। यह बदलाव 2023 से हो सकता है। यह जानकारी बुधवार को गोमती नगर स्थित आईसीएआई भवन में बोर्ड ऑफ स्टडीज के उपसभापति सीए विशाल दोषी ने दी है। उन्होंने बताया कि देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है। इसे देखते हुए संस्थान कोर्स को 10 साल की जगह 5 साल का करने जा रहा है। इसके लिए कमेटी फॉर रिव्यू ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग क्रेट गठित की जा रही है। कमेटी ने कोर्स तैयार किया है, जिस पर 30 दिनों तक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत मंत्रणा की जाएगी और सुझाव मांगे जाएंगे। प्रक्रिया आगामी वर्ष तक पूरी कर ली जाएगी। वहीं विशिष्ट अतिथि सीए ज्ञान चंद्र मिश्रा ने बताया कि नए कोर्स में केस स्टडी पर आधारित प्रश्नों पर जोर होगा। बदलाव फाउंडेशन से लेकर इंटरमीडिएट और फाइनल स्तर तक होगा।

कोर्स में जुड़ेंगी ये चीजें

- संस्थान ब्लॉक चेन

- क्रिप्टो करंसी

- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

- डाटा एनालिसिस

नोट- कुछ अन्य चीजों भी कोर्स में जोड़ी जा सकती हैं।

नेशनल और आईसीएआई के बीच एमओयू

इस दौरान नेशनल पीजी कॉलेज और लखनऊ ब्रांच ऑफ सीआईआरसीएफ, आईसीएआई के बीच एमओयू साइन किया गया। जिसमें दोनों संस्थान मिलकर छात्रों को नई शिक्षा नीति से अवगत कराएंगे। नेशनल पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। देवेंद्र सिंह ने बताया कि आईसीएआई के साथ एमओयू होने के साथ ही हम संस्थान के एक्सपर्ट लोगों को लेक्चर कॉलेज में आयोजित करेंगे। जो स्टूडेंट्स को मौजूदा इंडस्ट्री के हिसाब से कोर्स को तैयार करने और उसकी ट्रेनिंग देंगे। जिसे स्टूडेंट्स को आगे चलकर अपने करियर को आगे ले जाने में काफी मदद मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमारा कॉलेज यूपी का पहला कॉलेज है जिसने आईसीएआई के साथ एमओयू किया हैं।