लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू की मेडिकल रिसर्च यूनिट एमआरयू के इस प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर ने अनुमति दे दी है। जल्द ही इसके लिए बजट भी जारी कर दिया जाएगा। केजीएमयू के एमएस डॉ। डी हिमांशु ने बताया कि एमआरयू का यह प्रोजेक्ट है, जिसे आईसीएमआर ने मंजूरी दी है। संस्थान ने इंडियन क्लीनिकल ट्रायल एंड एजुकेशन नेटवर्क के तहत पांच सेक्शन में संस्थानों का चयन किया है। सेंट्रल जोन से सिर्फ केजीएमयू को इसके लिए सेंटर बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत दवा को मार्केट में लांच करने से पहले उसका जानवरों जैसे खरगोश, चूहा, बंदरों आदि पर ट्रायल किया जाता है। जिसमें लंबा समय लगता है और जानवरों पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ता है।

थ्री-डी मॉडल पर पहले ट्रायल
इसे प्रोजेक्ट के तहत कंप्यूटर द्वारा थ्री डी प्रिटिंग मॉडल जनरेट किया जाएगा। इसके पिगमेटिक्स पर दवा का ट्रायल किया जाएगा। जिसके बाद यह देखा जाएगा कि मालीक्यूल पर केमिकल का क्या-क्या असर होता है। यानि केमिकल का कहां-कहां रिएक्शन और कहां-कहां असर हो रहा है देख सकेंगे। इस मॉडल पर ठीक उसी तरह असर देखने को मिलेगा जैसा जानवरों में ट्रायल के दौरान देखने को मिलता है। ऐसे में मनुष्य या जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए दवा का ट्रायल आसानी से पूरा हो जाएगा। इसमें संस्थान के कई विभाग मिलकर काम करेंगे।

मिलेंगी स्पेसिफिक दवा
डॉ हिमांशु के मुताबिक इसका सर्वाधिक फायदा यह होगा कि एक तो जानवरों पर बिना वजह के ट्रायल से बचा जा सकेगा। वहीं मरीजों के लिए ज्यादा स्पेसिफिक दवाएं मिल सकेंगी।