- पौधों की होगी मैपिंग, करेंगे ऑनलाइन मॉनिटरिंग

- ग्रीन यूपी मिशन के तहत राज्य सरकार की पहल

- पौधों को बचाकर पर्यावरण संरक्षण में देंगे योगदान

LUCKNOW: प्रदेश सरकार 'ग्रीन यूपी' मिशन के तहत पौधरोपण के बाद उनकी सेहत का भी ध्यान रखेगी। सरकारी पहल पर लगने वाले करोड़ों पौधों की मैपिंग करके उनकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी ताकि वे सूख कर दम न तोड़ दें। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार नई तकनीक विकसित करने की तैयारी में है। वहीं दूसरी ओर इससे वन क्षेत्र में भी इजाफा होगा।

पौधरोपण में बना चुके हैं विश्व कीर्तिमान

प्रदेश सरकार पौधरोपण में पहले ही रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड से सम्मान भी मिल चुका है। एक दिन में छह लाख पौधे लगाने के बाद अब राज्य सरकार पूरे प्रदेश में जनवरी तक छह करोड़ पौधों को लगाने की मुहिम में जुट गयी है। इसके लिए तमाम विभागों से प्रस्ताव भी मांगे जा चुके है। केवल वन विभाग ही पांच करोड़ पौधे लगायेगा। बाकी एक करोड़ पौधे लगाने की जिम्मेदारी अन्य विभागों को सौंपी गयी है। इस कवायद का एक पहलू यह भी है कि केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए जाने वाले बजट को सीधे वनक्षेत्र से जोड़ दिया है। इस तरह जिस राज्य में जितना वनक्षेत्र अधिक होगा, उसे उतना अधिक पैसा मिलेगा।

यूपी रहेगा वन क्षेत्र में आगे

शासन के सूत्रों के मुताबिक देश में वनों की स्थिति की रिपोर्ट-2015 के मुताबिक, वर्ष 2013 की तुलना में यूपी के वनावरण में 112 वर्ग किलोमीटर और वृक्षावरण में 149 वर्ग किलोमीटर सहित कुल 261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। यूपी राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक वनावरण वृद्धि वाले राज्यों में एक है। आने वाले समय में इसमें और ज्यादा वृद्धि दर्ज की जानी तय है। इस लिहाज से यूपी सबसे ज्यादा वन क्षेत्र विकसित करने का रिकॉर्ड भी कायम कर सकता है। दरअसल राज्य सरकार ने सभी जिलों में ग्रीन बेल्ट विकसित करके इस लक्ष्य को हासिल किया। वर्ष 2012 से 2015 तक ही लगभग दस हजार हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 60 लाख पौधे लगाकर ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा चुका है।

खाली पड़ी जमीन होगी हरी-भरी

सूबे के छह जिलों मैनपुरी, इटावा, लखनऊ, उन्नाव, कन्नौज और बदायूं को पूरी तरह हरा-भरा करने के लिए इन जगहों पर टोटर फॉरेस्ट कवर योजना चलाई जा रही है। इसके तहत यहां खाली पड़ी जमीन पर पौधे लगाए गए है। वर्ष 2014 और 2015 में इन इलाकों में कुल 2300 हेक्टेयर क्षेत्र को हरा भरा किया गया है। जल्द ही इस योजना में कई अन्य जिलों को भी शामिल किया जाना है।