लखनऊ (ब्यूरो)। प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होता है। यह बीमारी बुजुर्गों को भी घेरती है, पर इसके इलाज के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। हालांकि, अब इसके इलाज में एडवांसमेंट होने से काफी राहत मिल गई है। अब शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिएशन थेरेपी यानि एसबीआरटी तकनीक की मदद से अब महज एक दिन की रेडियोथेरेपी से बीमारी काबू में आ जाएगी, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। यह जानकारी न्यूयार्क से आए डॉ। मधुर गर्ग ने शुक्रवार को केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के 36वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान दी।

शुरुआती कैंसर में फायदेमंद

केजीएमयू के रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ। एमएलबी भट्ट ने कहा कि एसबीआरटी मशीन से मरीज को एक दिन में रेडियोथेरेपी दी जा सकेगी। इससे शुरुआती स्टेज के कैंसर को ठीक करने में काफी मदद मिलेगी। यह मशीन सीधे कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है। सिकाई से संक्रमित कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं। हालांकि, यह मशीन देश के किसी भी सरकारी संस्थान में नहीं है। मशीन की लागत करीब 30 से 40 करोड़ रुपये है।

आधुनिक इलाज देना बेहद जरूरी

लोहिया संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ। मधूप रस्तोगी ने बताया कि भारत में तेजी से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में इलाज की आधुनिक तकनीक से कैंसर को हराया जा सकता है। कम समय में अधिक मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सकता है। वहीं, केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने कहा कि रेडियोथेरेपी विभाग में हर साल पांच से छह हजार नए मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। लगभग 25 हजार मरीज पुराने हैं। जल्द ही विभाग में नई मशीनें स्थापित की जाएंगी, ताकि मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके। वहीं, डॉ। सुधीर सिंह ने कहा कि आयुष्मान, असाध्य समेत दूसरी योजनाओं से कैंसर मरीजों को इलाज हासिल करना आसान हो गया है। मरीज पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज हासिल कर सकते हैं।