लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी परिवहन विभाग दिल्ली, एनसीआर और दूसरे प्रदेशों से करीब दो हजार बसों का संचालन करता है। इन बसों से हजारों यात्री रोजाना यूपी के विभिन्न जिलों खासतौर पर लखनऊ, कानुपर और गोरखपुर आदि जगहों की यात्रा कर रहे हैं। परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि इन सभी बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों को उनके गंतव्य के डिपो में ही उतारा जाएगा। वहां पर उनकी औचक निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए बाहर से अपने वाले सभी बसों के कंडक्टरों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे किसी यात्रियों को डिपो के अंदर ही उतारें ताकि इनकी जांच हे सके। अगर कोई यात्री बीच रास्ते में या कहीं उतरता है तो उसके बारे में जितनी जानकारी हो सके लेने की कोशिश करें।

लापरवाही पर गिरेगी गाज
राजधानी के आलमबाग, चारबाग, कैसरबाग और अवध बस अड्डों पर चेकिंग टीमें तैनात हैं, लेकिन जांच से बचने के लिए यात्री बस अड्डे के बाहर ही बसों का रुकवा कर उतर जाते हैं। जो बस अड्डे के अंदर पहुंचते भी हैं, वह भी ऐसे रास्तों से बाहर निकल आते हैं, जहां मेडिकल टीम की नजर नहीं पड़ती। मेडिकल टीम भी यात्रियों को जांच के लिए नहीं बुलाती है। दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड से आने वाली बस के यात्री बस अड्डे पर कोविड जांच कराने के डर से बीच रास्ते में ही उतर जा रहे हैं। बताते चले कि लखनऊ में अधिकतर कोविड के मामले सफर करने वाले यात्रियों के सामने आ रहे हैं। बावजूद यात्रियों को लेकर किसी प्रकार की कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है। इसी को देखते हुए राजधानी के सभी बस अड्डों पर कोरोना जांच के मानकों को सही करने और गंभीरता से बाहर से आने वाले बसों के जांच के निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं। इसके अलावा बसों में यात्रियों को मास्क पहने के लिए अनिवार्य किया गया हैं।