लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से अपनी टीपी नगर योजना में सभी मेन रोड्स पर यह कदम उठाया जा रहा है। इसकी दो वजह हैैं। पहली वजह यह है कि मेन रोड पर हैवी व्हीकल का लोड अधिक रहता है, जिससे रोड जल्दी टूट जाती है। वहीं दूसरी तरह वजह यह है कि पब्लिक को लंबे समय तक बेहतर रोड की सुविधा मिल सके।

कीमत अधिक लेकिन सेफ रहेंगी
इस तरह की रोड के निर्माण में करीब डेढ़ गुना अधिक खर्च आता है। हालांकि एक खास बात यह है कि कांक्रीट बेस्ड रोड करीब 35 से 40 साल तक सेफ रहती हैैं। जिससे बार-बार इन्हें मेनटेन कराने की कवायद नहीं करनी पड़ती है।


हैवी व्हीकल का असर नहीं
अगर सामान्य रोड्स से हैवी व्हीकल लगातार गुजरते हैैं तो वो आसानी से टूट जाती हैैं लेकिन इस तरह की रोड्स ऐसे वाहनों का बोझ आसानी से झेल लेती हैं। एक और खासियत यह है कि ऐसी सड़कों पर पानी भी जमा नहीं होता है और फिसलन की समस्या भी नहीं आती है।

यहां अपनाया गया है कांसेप्ट
- फैजाबाद रोड
- यमुना एक्सप्रेस-वे
- आगरा एक्सप्रेस-वे


हर कदम पर मॉनीटरिंग
एलडीए की ओर से पहली बार इस तरह की रोड का निर्माण कराया जा रहा है, इस वजह से इंजीनियरिंग टीम की ओर से हर कदम पर मॉनीटरिंग की जा रही है। जिससे कहीं कोई कमी न रह जाए। वहीं यह भी प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द रोड निर्माण का कार्य पूरा हो और जनता को इसका लाभ मिल सके।


प्राधिकरण की ओर से पहली बार ट्रांसपोर्ट नगर में एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर कांक्रीट रोड का निर्माण शुरू करा दिया गया है। ये करीब 40 साल तक सेफ रहेंगी।
इंदुशेखर सिंह, चीफ इंजीनियर, एलडीए