लखनऊ (ब्यूरो)। स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती संख्या अब राजधानी की गंभीर समस्या बन चुकी है। इनका आंकड़ा एक लाख के पार जा चुका है और इनके हमले में घायल होने वाले लोगों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। भले सभी डॉग्स आक्रामक न हों, लेकिन इनका खौफ हर तरफ है। कई इलाकों में तो स्थिति बेहद खौफनाक है। नगर निगम के पास भी बधियाकरण और वैक्सीनेशन के सिवा दूसरा कोई ठोस ऑप्शन नहीं है, जिससे स्ट्रीट डॉग्स के हमलों पर लगाम लगाई जा सके। कुल मिलाकर स्थिति बेहद चिंताजनक है और ठोस रणनीति बनाए जाने की जरूरत है।

लगातार मामले आ रहे सामने

राजधानी में लगातार डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैैं। सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं और बच्चों पर मंडरा रहा है। हाल में जो मामले सामने आए हैैं, उनमें डॉग बाइट का शिकार महिलाएं या बच्चे ही हुए हैैं। ऐसे में लोगों में डर ज्यादा अधिक बैठ गया है कि कहीं उनके बच्चों पर भी डॉग हमला न कर दें। नगर निगम की ओर से कई स्थानों पर आक्रामक डॉग्स को पकड़ने के लिए केज भी लगवाए गए हैैं।

75 हजार का वैक्सीनेशन-बधियाकरण

स्ट्रीट डॉग्स के वैक्सीनेशन और बधियाकरण की तो स्थिति में पहले से सुधार जरूर हुआ है। अभी तक 75 हजार डॉग्स का वैक्सीनेशन और बधियाकरण हो चुका है। निगम के पशु कल्याण विभाग के अधिकारियों की माने तो दो से तीन माह के अंदर सभी डॉग्स का वैक्सीनेशन और बधियाकरण करा लिया जाएगा। जब तक एक लाख डॉग्स का बधियाकरण और वैक्सीनेशन होगा, तब तक उनकी संख्या में और इजाफा हो जाएगा।

इस वजह से हो रहे आक्रामक

पशु चिकित्सकों की माने तो इस समय डॉग्स के आक्रामक होने की वजह से ब्रीडिंग टाइम का होना रहा है। इस समय डॉग्स खासकर फीमेल डॉग्स ज्यादा आक्रामक हो जाती हैैं। ऐसे में जरूरी है कि कोई भी बच्चा या महिला उनके बच्चों के पास न जाएं, अन्यथा वो हमला कर सकती हैैं। इसके साथ ही कई बार डॉग्स प्रॉपर खाना न मिलने की वजह से भी आक्रामक हो जाते हैैं। ऐसे में जरूरी है कि जिस एरिया में भी स्ट्रीट डॉग्स आक्रामक हो रहे हैैं, वहां के डॉग्स को प्रॉपर भोजन दिया जाए।

केस एक

जानकीपुरम विस्तार स्थित सृष्टि अपार्टमेंट में कुत्तों ने एक बच्चे पर हमला कर दिया था और उसे बुरी तरह से काटा था। बच्चे को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था।

केस दो

जानकीपुरम एरिया में ही घर से दूध लेने निकले एक बुजुर्ग पर कुत्तों ने हमला कर दिया था। जिसमें वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। वहां से गुजर रहे लोगों ने उन्हें बामुश्किल बचाया था।

केस तीन

महानगर एरिया में घर से बाहर निकली एक महिला पर डॉग्स ने हमला कर दिया था, जिससे वह घायल हो गई थीं। आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें बचाया था।

इस तरह करें बचाव

पशु चिकित्सकों की माने तो अगर आपको कोई भी डॉग बाइट करता है तो तुरंत रैबीज का इंजेक्शन लगवाएं और प्रॉपर ट्रीटमेंट लें। कई बार देखने में आता है कि ज्यादातर लोग डॉग बाइट को हल्के में लेते हैैं और बाद में उन्हें खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ते हैैं। पैरेंट्स की भी जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को जरूर जागरूक करें कि अगर उन्हें कोई डॉग बाइट करता है तो वह तुरंत जानकारी दे, जिससे तुरंत ट्रीटमेंट शुरू कराया जा सके।

लाइसेंस जरूर बनवाएं

अब अगर पेट डॉग्स की बात की जाए तो ज्यादातर पेट ओनर्स की ओर से डॉग्स के लाइसेंस तक नहीं बनवाए जाते हैैं। इसकी वजह यह है कि लाइसेंस के लिए डॉग का वैक्सीनेशन होना जरूरी है। वैक्सीनेशन न कराना पड़े, इसके लिए लाइसेंस नहीं बनवाते हैैं। राजधानी में लाइसेंस संबंधी आंकड़े कुछ इस प्रकार हैैं

लाइसेंस एक नजर में

7845 कुल डॉग लाइसेंस बने हैैं

3525 विदेशी बड़ी ब्रीड के डॉग

2560 विदेशी छोटी ब्रीड के डॉग

1760 देशी ब्रीड के डॉग हैैं