लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां नाला सफाई में जमकर गड़बडिय़ां सामने आ रही हैैं, वहीं दूसरी तरफ अभी तक बड़े या मध्यम नालों को कवर्ड नहीं किया गया है। जिससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। निगम प्रशासन की ओर से नालों को कवर्ड करने की योजना तो कई बार बनाई गई लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह से इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है।
कई बार योजनाएं बनाई गईं
निगम की ओर से प्रमुख नालों को कवर्ड करने के लिए कई बार योजनाएं बनाई गईं। योजनाओं में छोटे नालों को भी शामिल किया गया था। गुजरते वक्त के साथ योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह गईं। नाले कवर नहीं किए गए।
गिर जाते हैैं वाहन सवार
नालों के कवर्ड न होने से लोगों के इनमें गिरने का डर भी बना रहता है। करीब तीन साल साल पहले फैजुल्लागंज एरिया में एक बाइक सवार युवक नाले में गिर गया था और गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद निगम प्रशासन ने उक्त नाले को कवर्ड करने की योजना बनाई थी लेकिन अभी तक उस नाले को कवर्ड नहीं किया जा सका है। बारिश के समय ऐसे नाले ओवरफ्लो होकर बहते हैं, जिससे रोड और नाले को पहचानना मुश्किल हो जाता है।
इन नालों को कवर्ड करना जरूरी
1- फैजाबाद रोड नाला
2- मुंशीपुलिया नाला
3- फैजुल्लागंज नाला
4- सरकटा नाला (चौक एरिया)
5- हैदर कैनाल (चारबाग एरिया)
ये योजनाएं बनाई गई थीं
1-नालों के आसपास शीट लगाया जाना
निगम प्रशासन की ओर से छोटे नालों के आसपास प्लास्टिक शीट लगाए जाने का निर्णय लिया गया था लेकिन अभी तक इस योजना को इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है।
2-बड़े नालों के आसपास दीवार
सरकटा नाला हो या हैदर कैनाल नाला, यहां पर किनारों पर दीवार बनाए जाने की योजना बनाई गई थी। यह कदम नाला के उस एरिया में उठाया जाना था, जिसके आसपास आवासीय एरिया है। हालांकि अभी तक यह योजना पूरी तरह से इंप्लीमेंट नहीं हुई है।
3-छोटे नालों पर पत्थर
गली-मोहल्लों से गुजरने वाले छोटे नालों को बड़े पत्थर रखकर कवर किया जाना था लेकिन अभी तक इस दिशा में भी कोई प्रयास नहीं हुआ है।
पार्षद भी कर चुके मांग
कई पार्षदों की ओर से सदन में भी इस मुद्दे को उठाया गया है लेकिन कुछ हुआ नहीं। पार्षदों की मांग है कि जल्द से जल्द नालों को कवर्ड किया जाना चाहिए।