लखनऊ (ब्यूरो)। कोविड में अनाथ हुए ज्यादातर बच्चों को तो केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन अभी भी कई ऐसे बच्चे हैैं, जो उक्त योजनाओं के लाभ से वंचित हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए डीएम सूर्यपाल गंगवार ने निर्देश दिए हैैं कि 1 मार्च 2020 से जितनी भी डेथ कोविड महामारी से हुई हैं, उनका डेटा मंगाकर अवलोकन किया जाए और जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे सामने आएं, जो योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं, उनको तत्काल योजनाओं का लाभ दिया जाए। डीएम द्वारा योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही आवेदन संबंधित जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0522-2615195 भी जारी किया गया है।

ये हैैं प्रमुख योजनाएं

1-उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19)

उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अंतर्गत न्यू बॉर्न बेबी से लेकर 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता दोनों, माता या पिता, अभिभावक की मृत्यु कोविड 19 महामारी के दौरान हो गयी हो, को भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। इस योजना अंतर्गत सभी बच्चों को प्रतिमाह चार हजार रुपये दिये जाने के साथ ही कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट व लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है। वर्तमान में लखनऊ में इस योजना अंतर्गत 838 बच्चों को लाभ मिला है।

2-उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)

इस योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड 19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है या बाल श्रम, भिक्षावृत्ति या वेश्यावृत्ति से मुक्त कराये गये हैैं, ऐसे 23 वर्ष तक के किशोरों के लिए प्रतिमाह 2500 रु। प्रति बच्चा अधिकतम दो बच्चों तक लाभान्वित किये जाने का प्राविधान है। वर्तमान में इस योजना अंतर्गत 660 बच्चों को लाभ मिला है।

3- पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन

कोविड 19 के संक्रमण के कारण अनाथ हुये बच्चों की देख-रेख संरक्षण एवं बेहतर विकास के लिए यह योजना है। इस योजना के तहत कोविड 19 के संक्रमण के कारण पूरी तरह से अनाथ हुए ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु 11 मार्च 2020 से 11 दिसंबर 2021 के बीच हुई हो, उन्हें 18 वर्ष की आयु पूरी हो जाने के बाद एक स्पेशल स्कीम के अंतर्गत 10 लाख रु। का एक फंड बनाया जायेगा और हर महीने उन्हें उसमें से स्टाइपेंड मिलेगा। अभी तक इस योजना से 24 बच्चे लाभांवित हुए हैैं। वहीं, अब इस योजना के अंतर्गत 12 नए बच्चों का चयन किया गया है।