लखनऊ ब्यूरो: एसजीपीजीआई में कार्डियोलॉजिस्ट्स ने 150 किलोग्राम वजन वाले गंभीर रूप से मोटे एक मरीज में सफल पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया है। 61 वर्षीय इस पुरुष मरीज का हृदय ब्लॉक था। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, मरीज लखनऊ का रहने वाला है और उसे 5 दिन पहले सांस फूलने की शिकायत के साथ एसजीपीजीआई इमरजेंसी लाया गया था। जांच करने पर उसका पल्स रेट कम पाया गया और पेसमेकर इम्प्लांटेशन की सलाह दी गई। ज्यादा वजन के चलते रोगी में यह प्रक्रिया काफी जोखिम वाली थी।
कई चुनौतियों आई थीं सामने
पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ। रुपाली खन्ना ने बताया कि मोटापे के रोगियों में यह प्रक्रिया करने में कई चुनौतियां सामने आती हैं। मोटापे और वसा ऊतक के कारण गर्दन में नस को पंचर करना मुश्किल हो जाता है, जिसके माध्यम से पेसमेकर डालने की आवश्यकता होती है। आम तौर पर पंचर करने के लिए 5 सेमी लंबाई की सुई का उपयोग किया जाता है। लेकिन ज्यादा वजन और बड़े शरीर के चलते नस पंचर करने के लिए यहां एक विशेष तरह की बड़ी सुई का उपयोग किया गया। कभी-कभी अल्ट्रासाउंड द्वारा शिरा का स्थानीयकरण भी सहायक हो सकता है। वहीं, डॉ। सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि ये तकनीकें इस प्रकार के रोगियों के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती हैं।
दो दिनों में घर पहुंचा मरीज
कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ। आदित्य कपूर ने बताया कि दुनिया भर में ज्यादा मोटापे के शिकार लोगों में पेसमेकर लगाने के बहुत कम मामले सामने आते हैं। सफल प्रक्रिया के बाद अब रोगी चलने में भी सक्षम है और 2 दिनों के भीतर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।