- जयपुरिया स्कूल प्रशासन पर फीस कम करने का बनाया दबाव

- फीस कम न होने पर कोर्ट जाने की तैयारी में अभिभावक

LUCKNOW : गोमती नगर स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में मंडे को अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अभिभावकों को मंडे को बढ़ी हुई फीस पर बात करने के लिए स्कूल बुलाया गया था। लेकिन स्कूल प्रशासन फीस कम न करने की बात पर अड़ा रहा। जिसके बाद नाराज अभिभावक स्कूल की गेट पर प्रदर्शन पर बैठ गए। फीस वृद्धि के खिलाफ सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल की मेन गेट प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अभिभावकों ने फीस वृद्धि को अधिक बताते हुए कम करने की मांग की और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन, स्कूल प्रशासन ने फीस वृद्धि को सही बताते हुए किसी भी मांग मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद अभिभावकों ने फीस नहीं जमा करने और कोर्ट की शरण में जाने का ि1नर्णय लिया।

चार घंटे तक चला प्रदर्शन

प्रबंधन से मिलने का पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार अभिभावक सुबह 7:30 बजे से स्कूल के सामने आने लगे। लेकिन, उनको गेट के बाहर ही रोक दिया गया। अभिभावकों के बार-बार कहने के बावजूद उनको स्कूल में एंट्री नहीं दिया गया। इससे नाराज अभिभावक गेट के सामने ही बैठ गए और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद मौके पर पहुंचे सीओ और एसीएम प्रिंसिपल से बात करके कुछ अभिभावकों को स्कूल के अन्दर ले गए। इस दौरान अभिभावकों ने प्रिंसिपल से फीस में मनमाने तरीके से की गई वृद्धि का विरोध किया। चार घंटे तक प्रदर्शन के बाद जब स्कूल प्रशासन ने पैरेंट्स की बात नहीं मानी तो सभी पैरेंट्स ने साढ़े ग्यारह बजे गेट के बाहर एक सभा की। इसमें सभी पैरेंट्स ने यह निर्णय लिया है कि जब तक स्कूल फीस नहीं घटाता तब तक कोई भी पैरेंटस फीस नहीं जमा करेगा। सभी ने सामूहिक निर्णय लिया कि हर रोज बच्चों को छोड़ने आएंगे और जिनके पास भी समय होगा वह गेट पर खड़े होकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बोर्ड की नियमावली का भी दिया हवाला

अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन ने आईसीएसई बोर्ड के नियमों का हवाला देकर कहा कि 8 से 10 प्रतिशत की ही वृद्धि की बात कहीं। लेकिन प्रिंसिपल ने इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवलपमेंट और क्लासेस में एसी लगाने का तर्क देकर फीस वृद्धि को सही बताया। उन्होंने कहा कि कहा फीस में अधिकतम 21 प्रतिशत की ही वृद्धि की गई है। 50 प्रतिशत की वृद्धि किसी भी क्लासेस के फीस में नहीं हुई है। पि्रंसिपल ने दो बेटियों के होने पर ट्यूशन फीस में छूट देने के मामले पर संज्ञान लेने और प्रबंधन को अवगत कराने की बात कही। उन्होंने फीस वृद्धि को कम करने की बात से इन्कार कर दिया।

डीएम ने लिया मामले का संज्ञान

लखनऊ डीएम राजशेखर ने इस मामले पर एक जांच समिति गठित कर दी जो इसकी जांच करेगी। अभिभावक ने बताया कि मेरी बेटी पिछले साल क्लास सेकेंड में थी और उसकी तिमाही फीस 12950 रुपये थी। इस साल यह फीस बढ़कर 16750 रुपये हो गई है जो 18 प्रतिशत से अधिक है। वहीं इस बार वह थर्ड में गई है और थर्ड की फीस 20350 रुपये है। उसे बढ़ाकर 23 हजार के ज्यादा कर दिया गया हैं। जो करीब 40 प्रतिशत अधिक फीस बढ़ाई गई है। इसी तरह आठवीं की फीस 16850 रुपये से 21350 रुपये कर दी गई है।

कोट

हमने एयरकंडीशन समेत कई सुविधाएं बच्चों को मुहैया कराई हैं। साथ ही स्कूल के सभी टीचर्स और कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी हुई है। जिस कारण 18 फीसदी फीस में बढ़ोतरी हुई है।

प्रॉमिनी चोपड़ा, प्रिंसिपल