लखनऊ (ब्यूरो)। आलमबाग बस टर्मिनल वैसे तो पीपीपी मॉडल पर 2018 में बनकर शुरू हुआ था, पर यहां यात्री सुविधाओं का टोटा है। वहीं, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के चलते यात्रियों पर भी खतरा मंडराता रहता है। प्रॉपर मेंटिनेंस न होने के चलते प्लेटफार्म तक खराब हो रहे हैं और सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम होने के बावजूद यात्री पंखे में बैठने को मजबूर हैं। अधिकारियों के तमाम दावों के बावजूद हालत सुधरते नहीं दिख रहे हैं।

केस 1

आजकल बारिश काफी हो रही है। यहां पानी भर जाता है। ऐसे में अंदर जाने में बड़ी दिक्कत आती है। बस की सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही है।

-सागर आर्य, यात्री

केस 2

मुझे प्रतापगढ़ जाना है, पर बस कब और कितनी देर में मिलेगी यह जानकारी नहीं मिल पा रही है। यहां पर काफी असुविधा हो रही है।

-मनोज कुमार, यात्री

बैगेज स्कैनिंग मशीन बंद

आलमबाग बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर डेवलप किया गया है। यहां से रोजाना करीब 940 बसों का आना-जाना होता है, जिनमें रोजाना करीब 25 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। यहां से कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, झांसी व दिल्ली आदि जगहों के लिए बसों का संचालन होता है। पर इसके बावजूद यहां पर सुविधाओं को टोटा है। हैरान करने वाली बात यह है कि बस स्टेशन पर सुरक्षा के सभी इंतजाम धराशायी हो चुके है। यहां बैगेज स्कैनिंग मशीन बंद पड़ी हुई है। ऐसे में यात्री बिना रोकटोक और चेकिंग के बस स्टेशन में दाखिल हो जाते हैं। आग बुझाने के लिए लगे पाइप होज भी जर्जर हो चले हैं। ऐसे में परिसर और यात्रियों की सुरक्षा पर बड़े सवाल उठ रहे हैं।

एसी खराब, पंखे से चला रहे काम

यात्रियों के बैठने के लिए यहां सेंट्रलाइज्ड एसी हॉल तैयार किया गया है। पर एसी केवल दिखाने के लिए लगे हैं। यात्रियों के मुताबिक, एसी यहां अकसर खराब ही रहता है। ऐसे में गर्मी व उमस के बीच लोग पंखों की हवा खाने को मजबूर हो रहे हैं। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं

बस स्टेशन के अंदर और बाहर गंदगी फैली हुई है। पर सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई करने की जहमत नहीं उठाई जा रही। वहीं, अंदर लगी रेलिंग भी टेढ़ी हो चुकी है, जिसको दुरुस्त कराने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं, बसों के लिए बने प्लेटफार्म भी रख-रखाव के अभाव में खराब हो रहे है। कई जगहों से सड़क उखड़ गई है। वहीं, बरसात की वजह से जगह-जगह पानी भर जा रहा है।

जाम का झाम

बस स्टेशन के बाहर अक्सर ड्राइवर बस खड़ी कर देता है। वहीं, ई-रिक्शा और ऑटो वाले भी मुख्य गेट पर ही अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है। इसकी वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पर उन्हें हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता है। जो कमियां होंगी उनकी जांच करवाकर उन्हें दूर करने का काम किया जाएगा।

-अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम