लखनऊ (ब्यूरो)। वैसे तो डॉक्टर्स दूसरों की मदद के लिए ब्लड डोनेट करने के लिए जागरूक करते रहते हैं लेकिन इसके बाद भी अपने ही अक्सर ब्लड डोनेट करने से बचते नजर आते हैं। वहीं, समाज में कई लोग ऐसे भी हैं जो अनजान होने के बावजूद दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं । ऐसे लोग जरूरत पर न केवल ब्लड बल्कि प्लेटलेट्स आदि भी डोनेट करने पहुंच जाते हैं। इस नेशनल वॉलंटरी ब्लड डोनेशन डे पर पेश है ऐसे ही लोगों की स्पेशल स्टोरी

और जोश बढ़ता गया

मैं 16 वर्ष की उम्र से ब्लड डोनेट करता आ रहा हूं। अब तक 108 बार ब्लड डोनेट कर चुका है। शुरुआत में जब ब्लड डोनेट करने लगा तो तो धीरे-धीरे यह करना अच्छा लगने लगा। मुझे लगा क्यों न अपने जैसे और लोगों को इससे जोड़ा जाये। इसके बाद अपने जानने वालों के साथ एक ग्रुप बनाकर शुरूआत की और और यह सिलसिला आज भी लगातार जारी है। हम लोग सोशल मीडिया, फोन, व्हाट्सएप के माध्यम से आने वाली जरूरतों को पूरा करने का हर संभव प्रयास करते हैं। लोगों को आगे आकर ब्लड डोनेट करना चाहिए।

-बलराज ढिल्लन

गुस्से में देने चला गया ब्लड डोनेट करने

जब मेरा 18वां जन्मदिन आया, तो मेरे घर वाले ही मेरा जन्मदिन भूल गये थे। ऐसे में गुस्से में आकर मैं अस्पताल ब्लड डोनेट करने चला गया। लेकिन, उसके बाद एहसास हुआ कि मैंने वाकई में कुछ अच्छा काम किया है। जिसके बाद गुस्से में किए गए काम से प्रेरणा लेते हुए मैं नियमित ब्लड डोनेट करने लगा। अबतक मैं 105 बार सिंगल प्लेटलेट्स और 65 बार ब्लड डोनेशन का काम कर चुका हूं। बीते चार साल से एक संस्थान से जुड़ा हूं। जो इसी काम में लगी हुई है।

-मयंक वर्मा

डॉक्टर ने प्लेटलेट डोनेट करने की दी सलाह

एक बार परिवार के सदस्य को ब्लड डोनेट करने गया, तब डॉक्टर ने बताया कि मेरा ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है। इस ग्रुप के लोगों में प्लेटलेट्स की सबे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। जिसके बाद से मैं प्लेटलेट्स ज्यादा डोनेट करता आ रहा हूं। अब मैं समय-समय पर ब्लड और प्लेटलेट्स डोनेट करता रहता हूं। मैं करीब 10 साल के दौरान मैं करीब 20 बार ब्लड और 80 बार प्लेटलेट्स डोनेट कर चुका हूं।

-पंकज आर्य

ओ-निगेटिव ब्लड ग्रुप है

कॉलेज के दौरान स्वीमिंग कोच को ब्लड डोनेट करते देखती थी। उनसे प्रेरणा लेते हुए मैने भी ब्लड डोनेट करना शुरू कर दिया। मेरा ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव है। उसके बाद से मैने निश्चय कर लिया कि मैं भी नियमित तौर पर ब्लड डोनेट करती रहूंगी। मैं 2000 से लगातार ब्लड डोनेट कर रही हूं। अब तक 35 बार ब्लड डोनेट कर चुकी हूं। साथ ही मैं अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करती रहती हूं। आपका ब्लड किसी की जान बचाने के काम आ रहा है, इससे अच्छी बात और क्या होगी।

-क्षमा सिंह