लखनऊ (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की 'वार्ड नीति' परिचर्चा में मतदाताओं के बीच हुए विचारों के मंथन से साफ हो गया कि उन्हें शहर की नई सरकार से सर्वाधिक उम्मीदें इलाके में कूड़ा उठान के साथ साफ सफाई व्यवस्था से हैं। कई वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे मतदाता उम्मीद की नई किरण नजर आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें इन समस्याओं से निदान मिल सके।

यहां हुई परिचर्चा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट वार्ड नीति का आयोजन रविवार सुबह 9 बजे इंदिरा नगर बी ब्लॉक स्थित सद्भावना पार्क में किया गया। जिसमें एरिया के स्थानीय लोग, प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल हुए।

ये हैं इलाके की प्रमुख समस्याएं

समय पर नहीं उठता कूड़ा

कूड़ा उठान न होने से एरिया की सबसे बड़ी समस्या है। दो से तीन दिन बाद घरों से कूड़ा लेने प्राइवेट कर्मचारी पहुंचे हैं। जिससे परेशान लोग कूड़ा फेंकने के लिए काफी दूर या चौराहों पर लगे कूड़ा दान के पास जाते हैं। सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जैसे तैसे चल रही प्राइवेट कर्मचारी सौ रुपये प्रति माह कूड़ा उठान के लिए वसूलते हैं लेकिन कई बार दो से तीन दिन में एक बार ही आते हैं।

बारिश में घरों में घुस जाता है पानी

जलभराव इलाके की बड़ी प्रॉब्लम है। बारिश के दिनों मेें रोड के साथ घरों तक पानी पहुंच जाता है। नाला व नालियों की समय से सफाई न होना इसका प्रमुख कारण है। बारिश का मौसम आने वाला है, अभी तक नाला व नालियों की सफाई भी नहीं शुरू हुई है। आलम यह है कि खानापूर्ति के लिए सफाई कर सिल्ट को वहीं छोड़ दिया जाता है और वह सिल्ट पानी में बहकर दोबारा नाला व नालियों को चोक कर देती है।

बदहाल हैं पार्क

इंदिरा नगर में हर गली में आवास विकास ने पार्क तो बनाकर दिए हैं लेकिन उनकी बदहाल स्थिति बदहाल है। कुछ एरिया में कॉलोनी के लोगों ने समीति बनाकर अपने पैसों से पार्क का सौंदर्यीकरण कराया है लेकिन न तो आवास विकास और न ही नगर निगम ने उसमें कोई मदद की है। यहां तक की पार्षद, मेयर भी केवल पार्को में लगे शिलापट में नाम तक दर्ज कराने तक सीमित है।

3 काम जो आप वार्ड में चाहते हैं

1. एरिया में शुद्ध जल की सप्लाई की जाए, इसके लिए जलकल विभाग पाइप लाइन को दुरुस्त करें।

2. एरिया में जलभराव न हो, इसके लिए नाला नाली के साथ-साथ गलियों की रोड की मरम्मत व निर्माण कराया जाए।

3. सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाए, अगर 100 रुपये महीने लिया जाएं तो हर दिन सफाई हो।

5 साल में आपके पार्षद का काम कैसा रहा?

- 50 प्रतिशत लोगों ने कहा औसत

- 25 प्रतिशत लोगों ने कहा अच्छा

- 15 प्रतिशत लोगों ने कहा खराब

- 10 प्रतिशत लोगों ने कहा बहुत अच्छा

लोगों से बातचीत

आवास विकास ने पार्क बनाकर दे दिए, लेकिन उनका ध्यान नहीं रखा जाता है। स्थानीय लोग अपने घरों के सामने बने पार्कों का निजी खर्च से सौंदर्यीकरण कर रहे हैं। नगर निगम अगर ऐसे पार्कों में साफ-सफाई की व्यवस्था करें तो न केवल एक स्वस्थ माहौल मिलेगा बल्कि एरिया में हरियाली भी बनी रहेगी।

-सीमा

अकेले पार्षद की नहीं बल्कि मेयर की भी जिम्मेदारी है कि शहर के सभी वार्डों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं दी जाएं। कुछ वार्ड तो चमकते हैं पर कई ऐसे वार्ड हैं जहां वर्षों से विकास की बयार तक नहीं बही। मेयर को एक निगाह से शहर के सभी वार्डों को देखना चाहिए और बराबर का विकास हर जगह होना चाहिए।

-पूजा

हर वार्ड में एक ही प्रकार की समस्याएं हैं, जिममें शुद्ध पेय जल की समस्या बड़ी है। साथ ही जलभराव एक ऐसी प्रॉब्लम है जिससे वर्षों से निजात नहीं मिल पा रही है। हर बार पार्षदी चुनाव में आश्वासन का दौर चलता है, पर सरकार बनाने के लिए पब्लिक से किए वादे पूरे करने की जगह बस बातें ही होती रहती हैं।

- मीनाक्षी

शहर की तमाम मार्केट हैं जहां आने-जाने वाली महिलाओं के लिए कोई सुविधा नहीं मौजूद है। कई बार पिंक टॉयलेट बनाने का वादा किया गया, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी कई मार्केट्स में महिलाओं के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं है। जहां खानापूर्ति के लिए बनाये भी गए वहां भी ताला पड़ा रहता है।

- प्रियंका

इंदिरा नगर इलाके में कई ऐसी जगहें हैं जहां अतिक्रमण कर लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। भगवान की मूर्ति को चौराहे व पेड़ के नीचे रख दिया जाता है और वर्षों वे ऐसी ही रखी रहती हैं। नगर निगम को ऐसी जगहों से मूर्तियों हटाकर उनका विसर्जन करना चाहिए ताकि उनकी आड़ में कोई अतिक्रमण न कर सके।

- रोहित

इंदिरा नगर में हर कॉलोनी व मोहल्ले में पार्क है। उन पार्को के देखभाल के लिए नगर निगम या स्थानीय पार्षद कुछ भी नहीं करते हैं। जिन कॉलोनी में पार्को की स्थिति बदहाल है, वहां के आस-पास रहने वाले लोग काफी परेशान है। यहां तो अपनी जेब से खर्च कर पार्क का सौंदर्यीकरण करे या फिर उन हालत में रहने को मजबूर हैं।

-एसके श्रीवास्तव

एरिया में सबसे बड़ी प्रॉब्लम कूड़ा उठान की है। दो-दो दिन तक कूड़ा लेने वाले नहीं आते है। जबकि गली मोहल्ले में तो कोई कर्मचारी झाडू लगाने के लिए तैनात तक नहीं है। पैसे देकर मोहल्ले में साफ सफाई कराई जाती है। नगर निगम को इसके लिए टैक्स भी दिया जाता है लेकिन बुनियादी सुविधा न के बराबर मिलती है।

-एमबी सक्सेना