LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के संजय गांधी पीजीआई को रोबोटिक हब बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए संस्थान में दो और रोबोटिक मशीन लाने की तैयारी है। इन मशीनों के आ जाने से यहां एडवांस ट्रीटमेंट की सुविधाओं में और इजाफा हो जाएगा। संस्थान के अधिकारियों के अनुसार अगले तीन माह के अंदर ये दोनों मशीनें यहां आ जाएंगी। अधिकारियों का यह भी दावा है कि पूरे देश में पीजीआई ही अकेला ऐसा संस्थान होगा जहां तीन रोबोटिक मशीनें होंगी।

साल में 350 से अधिक सर्जरी
संजय गांधी पीजीआई में हर दिन 4 हजार से अधिक मरीज आते हंै। इनमें से काफी संख्या में ऐसे मरीज होते हैं, जिन्हें सर्जरी की जरूरत होती है। संस्थान में हर साल करीब 350 से 400 ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अभी पीडियाट्रिक सर्जरी, एंडोक्राइन सर्जरी, सीवीटीएस, यूरोलॉजी और गेस्ट्रो सर्जरी विभाग द्वारा रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। जिसके तहत लिवर, पैंक्रियाज, गॉल ब्लेडर, आंतों आदि की सर्जरी संस्थान में की जा रही है। इस तरह की सर्जरी में मरीज को अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है और इसके रिजल्ट भी अच्छे आते हैं।

पीपीपी मोड पर लगेगी मशीन
संस्थान के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि एक रोबोटिक मशीन की कीमत करीब 25 से 30 करोड़ रुपए के आसपास होती है। हालांकि, पीपीपी मोड पर लगाने से संस्थान पर इसका भार काफी हद तक कम हो जाता है। ऐसे में दो नई रोबोटिक मशीनें लगने से संस्थान और मरीजों दोनों का फायदा मिलेगा। उम्मीद है कि अगले तीन से चार माह में दोनों रोबोटिक मशीनें संस्थान में लग जाएंगी। हमारा लक्ष्य हर साल एक हजार से अधिक रोबोटिक सर्जरी करने का है। दो अतिरिक्त मशीनें आने से हमें इस लक्ष्य को हासिल करने में काफी आसानी होगी।

एक मशीन सीवीटीएस के लिए
संस्थान के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि दो रोबोटिक मशीन आने के बाद एक मशीन पूरी तरह से सीवीटीएस विभाग के लिए डेडिकेटेड कर दी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक सर्जरी की जा सकें क्योंकि इसमें छोटा चीरा लगाकर कम समय में जटिल सर्जरी भी की जा सकती है। वहीं, दो अन्य मशीनों को पांच विभागों के लिए सौंप दिया जाएगा, ताकि हर डिपार्टमेंट में आसानी से सर्जरी की जा सके। जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा।

संस्थान को रोबोटिक हब बनाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत पीपीपी मोड पर दो रोबोटिक मशीन लगाने की तैयारी है। जिससे मरीजों को काफी फायदा मिलेगा।
- प्रो आरके धीमन, निदेशक, संजय गांधी पीजीआई